खरगोन
सचेत रहे किसान
खरीफ सीजन शुरू हो चुका है।
इसी के साथ अन्य राज्यों के नकली बीज भी बाजार में किसानों को विक्रय किए जा रहे हैं। फिलहाल जिले में गुजरात के बीटी कपास का बीज विक्रय हो रहा है।
इस संबंध में कृषि उप संचालक एमएल चौहान ने कहा कि विगत दिनों से सूचना मिल रही है कि जिले में कुछ लोगों द्वारा गुजरात से कपास बीज लाकर फोर-जी कपास का बीज कहकर किसानों को बेच रहे हैं।
चौहान ने बताया कि यह अधिकृत किस्म का बीज नहीं है और इसे शासन द्वारा मान्यता भी नहीं दी गई है।
जिले में इस किस्म के बीज के विक्रय की अनुमति नहीं है। किसान ऐसे लोगों से कपास का बीज न खरीदें।
अगर कहीं पर ऐसी कोई स्थिति निर्मित होती है, तो तत्काल कृषि विभाग के स्थानीय अधिकारी को सूचना दें।
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कृषि विभाग द्वारा इसके लिए जिले में कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया हैं। जिसका नंबर 07282-232728 है। कृषि उप संचालक चौहान ने कहा कि किसान बीज लायसेंसधारी व भरोसेमंद विक्रेता से ही कपास के बीच खरीदें।
कपास बीज खरीदते समय पक्का बिल प्राप्त करें और बिल को अच्छी तरह देख लें कि बिल में कपास बीज का नाम, किस्म लाट नंबर व कीमत सही अंकित है या नहीं।
वहीं समस्त बीज विक्रेता अपने लाइसेंस में प्रिंसिपल सर्टिफिकेट दर्ज करवाने के बाद ही बीज विक्रय करें, अन्यथा संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी।
30 प्रकार की कंपनियों को मिली है अनुमति
जिले में बीटी कपास के बीज विक्रय के लिए शासन द्वारा 30 प्रकार की कंपनियों को अनुमति दी गई है। विभाग द्वारा संबंधित कंपनियों की सूची भी बुलाई जा रही है।
संबंधित सूची विभाग के मैदानी अमले के साथ ही विक्रेताओं को भी दी जाएगी। जिन्हें वे दुकानों के आगे चस्पा कर सकेंगे। जिससे की जिले में नकली बीज का विक्रय नहीं हो सकेगा।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि किसानों को बताया जा रहा है कि गुजरात से आने वाले कपास के बीज में गुलाबी इल्ली का प्रकोप नहीं होने की बात कह कर किसानों को नकली बीज विक्रय कर रहे है। करीब 450 ग्राम के बीटी कपास के बीज की कीमत 750 रुपये है।
40 डिग्री से कम तापमान होने पर ही करे बुवाई
कृषि विभाग के सहायक संचालक प्रकाश ठाकुर ने बताया कि जिले में करीब 60 प्रतिशत किसान अक्षय तृतीय के बाद खेतों में कपास की बोवनी कर देते है।
जब तक तापमान 40 डिग्री से कम नहीं होता तब तक किसान खेतों में कपास की बोवनी नहीं करें।
इस वर्ष जिले में कपास का रकबा दो लाख 15 हजार हेक्टेयर तय किया गया है। जबकि गत वर्ष दो लाख 13 हजार हेक्टेयर में कपास की बोवनी की गई थी।
जिले में इस वर्ष करीब आठ से दस लाख कपास बीज के पैकेट विक्रय के लिए आएंगे।
जिले में नकली बीज विक्रय को रोकने के लिए मैदानी अमले को अलर्ट कर दिया है। ब्लाक स्तर पर अधिकारियों को निरीक्षण के लिए निर्देश जारी कर दिए है।
जिले में कहीं भी नकली बीज विक्रय की सूचना मिलने पर किसान सीधे विभागीय अधिकारियों से संपर्क कर सकते है।
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source : naidunia
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