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मध्य प्रदेश में ड्रोन से शुरू हुआ फसलों पर नैनो यूरिया का छिड़काव

 

कृषि मंत्री ने देखा प्रदर्शन

 

इफको अधिकारियों ने बताया कि नैनो यूरिया लिक्विड बेहतर विकल्प है.

सामान्य यूरिया की तुलना में नैनो तरल यूरिया का उपयोग कहीं ज्यादा आसान है. यह पारंपरिक यूरिया से सस्ता होता है.

 

नैनो यूरिया लिक्विड का मध्य प्रदेश में ड्रोन से छिड़काव शुरू कर दिया गया है.

आने वाले दिनों में जब पारंपरिक यूरिया का चलन खत्म हो जाएगा तब किसानों को इसका स्प्रे करना होगा.

क्योंकि नैनो यूरिया लिक्विड है. ऐसे में बड़ी खेती वालों को ड्रोन का ही सहारा लेना होगा.

जबलपुर के चरगवां रोड स्थित ग्राम ललपुर में फसल पर ड्रोन से नैनो तरल यूरिया के छिड़काव प्रदर्शन को प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने अवलोकन किया.

इस मौके पर हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल भी मौजूद रहे.

 

एमपी के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि किसानों को कृषि की आधुनिक तकनीक से जोड़कर ही फसलों की लागत को कम किया जा सकता है.

प्रदर्शन का आयोजन इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर को-ऑपरेटिव लिमिटेड ने किया.

 

यूरिया का बेहतर विकल्प

इफको के अधिकारियों ने बताया कि नैनो यूरिया लिक्विड, यूरिया का बेहतर विकल्प है.

यूरिया की तुलना में नैनो तरल यूरिया का उपयोग कहीं ज्यादा आसान है. यह पारंपरिक यूरिया से सस्ता होता है.

फसल पर इसका छिड़काव पानी में मिलाकर किया जाता है.

 

बायोफर्टिलाइजर सेंटर का अवलोकन

इसके पहले कृषि मंत्री पटेल ने सुबह हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल के साथ जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के बायोफर्टिलाइजर सेंटर का अवलोकन किया.

पटेल ने इस अवसर पर मौजूद कृषि वैज्ञानिकों से चर्चा की.

जैव उर्वरकों के इस्तेमाल के लिए किसानों को जागरूक और प्रोत्साहित करने की आवश्यकता बताई.

 

इफको सभी राज्यों में नैनो यूरिया के फसलों पर छिड़काव का प्रदर्शन कर रहा है, ताकि किसानों को पता चले कि यह पारंपरिक यूरिया के मुकाबले कितना फायदेमंद है.

अक्टूबर में गुजरात के भावनगर में भी नैनो यूरिया लिक्विड के ड्रोन से छिड़काव का प्रदर्शन किया गया था.

उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जैसे देश के कई राज्यों के किसान नैनो लिक्विड यूरिया का इस्तेमाल कर रहे हैं.

 

कब हुई नैनो यूरिया की शुरुआत

इसी साल 31 मई को इफको ने नैनो यूरिया लिक्विड की शुरुआत की थी.

इसके 500 एमएल की एक बोतल एक बोरी सामान्य यूरिया के बराबर है.

इसकी कीमत 240 रुपये है जो कि सामान्य यूरिया के एक बोरी के दाम से 10 फीसदी कम है.

देश भर में 94 फसलों पर लगभग 11,000 कृषि क्षेत्र परीक्षण करने के बाद वैज्ञानिक इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि इसके इस्तेमाल से उपज में औसतन 8 प्रतिशत की वृद्धि होती है.

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