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इस वजह से 13वीं किस्त आने में हो रही है देरी

पीएम किसान सम्मान निधि

 

पीएम किसान सम्मान निधि की 13वीं किस्त किसानों को नहीं मिली है.

केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की से चलाए जा रहे सत्यापन अभियान के कारण किस्त आने में देरी हो रही है.

 

12 वीं किस्त किसानों तक पहुंचने में खासी लेट हो गई थी. 13 वीं किस्त आने में भी देर हो रही है.

पिछले साल जनवरी के पहले सप्ताह में ही किसानों के खाते में किस्त पहुंच गई थी. इस बार भी ऐसी ही संभावना जताई जा रही थी.

लेकिन जनवरी का तीसरा सप्ताह चल रहा है. किस्त का अता पता तक नहीं है.

किसान खाते में किस्त आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.

वहीं, केंद्र सरकार की ओर से भी अधिकारिक तौर पर किस्त को लेकर स्थिति नहीं की गई है.

ऐसे में ये जानना जरूरी है कि आखिर किस्त आने में इतनी देर क्यों हो रही है?

 

अटक रही किस्त

किसानों के खाते तक पहुंचने में 12 वीं किस्त भी करीब डेढ़ महीने लेट हो गई थी. अब 13 वीं किस्त का भी यही हाल हो गया है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तीसरी किस्त न जारी होने के पीछे वजह पात्र और अपात्रों का हो रहा वेरिफिकेशन है.

केंद्र सरकार किसी भी सूरत में अपात्रों के खाते में पैसा नहीं भेजना चाहती है.

उसकी कोशिश है कि केवल पात्रों को उनका हक मिले. जिन किसानों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है.

उन्हें आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए योजना की शुरूआत की गई है.

 

किसानों का हो रहा सत्यापन

केंद्र सरकार किस्त जारी करने के लिए 10 करोड़ से अधिक किसानों का वेरिफिकेशन कर रही है.

देखा जा रहा है कि किसान का ई-केवाईसी होना चाहिए. भूमि के रिकॉर्ड में किसान का मालिक दर्ज होना चाहिए.

किसान का बैंक खाता भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम से जुड़ा हो. बैंक खाता आधार कार्ड से लिंक होना चाहिए.

जो किसान इन शर्तां पर खरा है. उसे ही किस्त जारी करने की सूची में शामिल किया गया है.

इन शर्तां को पूरा न करने वाले किसान अपात्र हैं.

केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है कि जो किसान इन शर्तां को पूरा नहीं कर रहा है तो तुरंत इन्हें पूरा कर लें.

 

सबसे अधिक भुगतान

केंद्र सरकार ने पिछले साल 31 मई को पीएम किसान निधि की 11वीं किस्त जारी की थी.

तब 10.45 करोड़ किसानों को 22,552 करोड़ रुपये किसानों के खाते में भेजे गए.

यह अभी तक का सबसे बड़ा भुगतान है.

लेकिन 17 अक्टूबर को 12वीं किस्त के रूप में केवल 8.42 करोड़ किसानों को ही पीएम किसान की किस्त जारी की गई.

भुगतान के रूप में करीब 17 हजार करोड़ रुपये किसानों को जारी किया गया.

केंद्र सरकार पारदर्शिता बढ़ाने, धोखाधड़ी कम करने के लिए यह कदम उठा रही है.

इस कदम में केंद्र सरकार राज्य सरकारों का भी सहयोग ले रही है.

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