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किसानों को अच्छा बिजनेस दे रहा है e-NAM, जानिए क्या है ये?

देश में ई-नाम का ऑनलाइन कारोबार बहुत तेजी से बढ़ा है.

अंदाजा लगा सकते हैं कि दो साल में ई-नाम का ऑनलाइन टर्नओवर करीब 80 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है?

 

80 हजार करोड़ का हो चुका है टर्नओवर

केंद्र सरकार लगातार किसानों के हित में कदम उठा रही है.

केंद्र सरकार की हमेशा कोशिश रहती है कि किसानों की फसलों का सही दाम किसानों को मिल जाये.

सरकार ने इसी को लेकर e- NAM पोर्टल लांच किया है. करीब 7 साल में ही इस पोर्टल से लाखों की संख्या में किसान जुड़ गए हैं.

हजारों करोड़ रुपये की खरीदारी इसी पोर्टल की मदद से की गई है.

इस पोर्टल की कामयाबी का आलम ये है कि वर्ष 2022-23 में e-NAM पोर्टल का आंकड़ा 32 प्रतिशत तक बढ़ गया है.

इसका कारोबार करीब 80 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.

केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है कि e-NAM पोर्टल पहले से अधिक चर्चा में हैं और अधिक लोग इस पोर्टल से जुड़ रहे हैं.

 

ये है e-NAM से कारोबार की स्थिति

7 साल पहले ई- नाम फल-सब्जियों के कारोबार को ऑनलाइन करने के लिए बनाया गया था.

अच्छी बात ये है कि किसान, व्यापारी और किसान संघठन को पसंद कर रहे हैं.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में ई-नाम पोर्टल के तहत टर्नओवर 56497 करोड़ रुपये हो गया, जबकि वर्ष 2022 में यह 31366 करोड़ रुपये रहा,

यानि इस पोर्टल पर किसान, उससे जुड़े संगठन फल-सब्जी और उससे जुड़े उत्पाद खरीद सकते हैं.

बताया गया है कि ई नाम पर सीफूड और दूध को छोड़कर सभी तरह का बिजनेस किया जाता है.

 

18.6 मिलियन तक कृषि उत्पादों का कारोबार

ई-नाम के जो आंकड़ें सामने आए हैं. उसके अनुसार, वर्ष 2023 में 18.6 मिलियन टन जींस का व्यापार हो चुका है.

वहीं, पिछले साल 13.2 मीट्रिक टन कृषि प्रोडक्ट का कारोबार ई-नाम से किया था. यह करीब 41 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी है.

देश के अलग अलग राज्यों में ई-नाम का चलन बहुत तेजी से बढ़ा है.

 

ये राज्य कर रहे खरीदारी

उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, केरला, ओड़िशा, झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के ख़रीदारों को अलग अलग प्रोडक्ट की बिक्री हो रही है.

इनमें आलू, सेब, सरसों, रागी, चना, सोयाबीन, जीरा की बिक्री इसी पोर्टल के माध्यम से की गई.

इनके अलावा तमिलानाडु, ओडिशा, महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भी अलग अलग उत्पादों की बिक्री की जा रही है.

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