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गेंदे के फूल की खेती कर कमाएं लाखों रुपये

 

गेंदे के फूल की खेती

 

गेंदा एक खास व लोकप्रिय फूल है जो सालभर आसानी से मिल सकता है.

अगर इसके फूल दशहरा एंड दीपावली के अवसर पर उपलब्ध हो तो अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.

 

विशेषज्ञों के अनुसार गेंदे के फूल की खेती सीजन के हिसाब से की जाती है.गर्मी के सीजन में जनवरी माह में फूल लगाए जाते है.

जिनका नवरात्र के दिनों में पूजा पाठ में खूब इस्तेमाल होता है और बाजार में अच्छी कीमत भी मिलती है.

इसके बाद अप्रैल मई और फिर सर्दी शुरू होने से पहले अगस्त-सितंबर में फूलों की बिजाई की जाती है.

गेंदा फूल पूरे देश में एक महत्वपूर्ण फूल है. इन फूलों का व्यापक रूप से माला और सजावट के लिए उपयोग किया जाता है.

इसके अलावा, इसे विभिन्न फूलों की व्यवस्था में, सड़क के किनारे के बगीचों में, साथ ही गमलों में लगाया जाता है.

गेंदा राज्य में तीनों मौसमों में उगाया जाता है और इसकी उच्च मांग है.

गेंदा मुख्य रूप से छुट्टियों के फूलों के लिए उपयोग किया जाता है.

 

गेंदे के फूल की खेती के बारे में जानिए

गेंदा मुख्य रूप से ठंडी जलवायु वाली फसल है ठंड के मौसम में गेंदे की वृद्धि और फूलों की गुणवत्ता अच्छी होती है.

जलवायु परिस्थितियों के आधार पर गेंदे की खेती मानसून, सर्दी और गर्मी तीनों मौसमों में की जाती है.

 

फरवरी के पहले सप्ताह के बाद और जुलाई के पहले सप्ताह से पहले अफ्रीकी गेंदा लगाने से उपज और फूलों की गुणवत्ता पर अच्छा प्रभाव पड़ता है.

इसलिए जुलाई के पहले सप्ताह से 15 दिनों के अंतराल पर बुवाई करने पर अक्टूबर से अप्रैल तक अच्छी उपज प्राप्त होती है.

लेकिन सबसे ज्यादा पैदावार सितंबर में लगाए गए गेंदे से होती है.

 

गेंदा को विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है उपजाऊ, जल धारण करने वाली लेकिन अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी ज़ेंडू के लिए अच्छी होती है.

गेंदा 7.0 से 7.6 के सतह क्षेत्र वाली मिट्टी में अच्छी तरह से बढ़ता है. गेंदे की फसल को धूप की बहुत जरूरत होती है.

पेड़ छाया में अच्छे से बढ़ते हैं लेकिन फूल नहीं आते.

 

गेंदे के फूल की उन्नत किस्में

पूसा संतरा, (क्रैकर जैक अगर गोल्डन जुबली): –

यह किस्म रोपण के 123-136 दिन बाद फूलती है. झाड़ी 73 सेकंड. मैं लंबा होता है और विकास भी जोरदार होता है.

फूल नारंगी रंग के और 7 से 8 सेमी. मैं व्यास के हैं. उपज प्रति हेक्टेयर 35 मी. टन/हेक्टेयर.

 

पूसा बसंती (गोल्डन येलो जारसन जायंट):-

यह किस्म 135 से 145 दिनों में फूल जाती है. झाड़ी 59 सेकंड. मैं लंबा और जोरदार बढ़ता है.

फूल पीले रंग के और 6 से 9 सेमी. मैं व्यास के हैं.

 

रोपण पूर्व तैयारी

रोपण से पहले भूमि को 2 से 3 गुना गहरी जुताई करें, 2 से 3 बार जोतें और भूसी और टर्फ को हटा दें.

फिर प्रति हेक्टेयर 25 से 30 टन अच्छी तरह सड़ी गाय का गोबर मिलाकर 50 किग्रा एन, 200 किग्रा डालें.

फॉस्फोरस और 200 किलो पोटाश को बोने से पहले मिट्टी में अच्छी तरह मिला देना चाहिए.

और फिर 60 सेकंड. मैं थोड़ी दूरी पर साड़ी का वरम्बा तैयार कर लें और फिर साड़ी के नथुने तोड़कर सबूत की सुविधानुसार पानी को वाष्पित कर लें.

 

गेंदा फूल की खेती में उर्वरक का उपयोग

अफ्रीकी और फ्रेंच किस्मों के लिए खाद 25 से 30 मई. प्रति हेक्टेयर 100 किग्रा एन, 200 किग्रा पी तथा 200 किग्रा के उर्वरक देना चाहिए .

यदि संकर किस्मों की खेती करनी है तो रोपण से पहले मिट्टी में 250 किग्रा एन/हेक्टेयर और 400 किग्रा पी/हेक्टेयर डालें.

 

गेंदे के फूल में कितना पानी का उपयोग किया जाना चाहिए

यदि गेंदा मौसम में उगाया जाता है, तो बारिश के तनाव की स्थिति में 10 से 15 दिनों के अंतराल पर 1-2 बार पानी दें। सर्दी के मौसम के लिए 8 से 10 दिनों के अंतराल पर और गर्मी के मौसम में 5 से 7 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें.

फूल आने से लेकर फूल आने तक फसल पर पानी की कमी नहीं होनी चाहिए.

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