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रूस-यूक्रेन युद्ध का असर, रिकॉर्ड भाव पर बिक रहा गेहूं

 

गेहूं के दाम में ईजाफा

 

यूक्रेन व रूस के बीच हुए युद्ध के असर से गेहूं के दाम में ईजाफा हो गया है।

जो किसान मंडियों में गेहूं ला रहे हैं, उन्हें पहले की अपेक्षा अब ज्यादा दाम मिल रहे हैं।

 

यूक्रेन व रूस के बीच हुए युद्ध के असर से गेहूं के दाम में ईजाफा हो गया है। जो किसान मंडियों में गेहूं ला रहे हैं, उन्हें पहले की अपेक्षा अब ज्यादा दाम मिल रहे हैं।

शाजापुर कृषि उपज मंडी में ही गेहूं के दाम अधिकतम में 2321 रुपये क्विंटल तक पहुंच गए हैं। दाम बेहतर मिलने से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं।

 

गेहूं के दाम सामान्य से ज्यादा

जिले में इस बार परिस्थितियां अनुकूल रहने से गेहूं की स्थिति अब तक ठीक है। एक लाख 85 हजार हेक्टेयर में गेहूं की फसल की बुवाई की गई है।

कई जगह फसल पककर तैयार हो चुकी है तो कई जगह अभी फसल खेतों में ही खड़ी है।

जहां फसल पककर तैयार हो गई है वहां के किसान फसल रखने की बजाय इसे सीधे बेचने चले आ रहे हैं।

दरअसल, गेहूं के दाम सामान्य से ज्यादा चल रहे हैं। इसके चलते मंडी में इन दिनों आवक भी बढ़ गई है।

 

यह रहे दाम

जानकारी के अनुसार सोमवार को शहर के एबीरोड स्थित कृषि उपज मंडी में सोमवार को 5 हजार 520 क्विंटल गेहूं की आवक हो गई।

शुरूआती सीजन में ही इतनी आवक होना भी रिकॉर्ड है। क्योंकि इस समय जिन किसानों की फसल खेतों से निकल भी जाती है वह अपने गेहूं की उपज को समर्थन मूल्य पर शुरू होने वाली खरीदी के इंतजार में रोककर रखते हैं।

किसान मंडियों में चल रहे भाव तथा समर्थन मूल्य खरीदी केंद्र पर बिक रहे गेहूं के दाम को देखते हैं, यदि मंडी में ज्यादा दाम पर गेहूं बिकता है वहां देते हैं और यदि समर्थन मूल्य पर मंडी से ज्यादा भाव है तो केंद्र पर गेहूं विक्रय कर देते हैं।

लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। किसान खेतों से गेहूं की फसल निकलते ही इसे लेकर सीधे मंडियों में पहुंच रहे हैं। क्योंकि मंडियों में दाम बेहतर चल रहे हैं।

सोमवार को गेहूं के दाम न्यूनतम में 2116 रुपये क्विंटल तो अधिकतम में 2321 रुपये क्विंटल तक रहे। अधिकतम में यह दाम रिकॉर्ड ही माने जा रहे हैं।

 

इस कारण बढ़ रहे दाम

गेहूं के दाम के बढ़ने का कारण रूस व यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध बताया जा रहा है।

मंडी व्यापारी राहुल भावसार बताते हैं कि विश्व में गेहूं की आपूर्ति करने में रूस व यूक्रेन का अहम योगदान रहता है, किंतु वहां से युद्ध के हालातों के बीच निर्यात रूक गया है।

ऐसे में गेहूं की डिमांड प्रभावित हो रही है। इसके चलते सभी दूर गेहूं के दाम बढ़ गए हैं। बढ़े हुए दाम का लाभ किसानों को मिल रहा है।

 

इस तरह बढ़ रहे गेहूं के दाम

तारीख – न्यूनतम – अधिकतम

7 मार्च – 2116 – 2321

4 मार्च – 2056 – 2300

3 मार्च – 1954 – 2232

28 फरवरी – 1950 – 2135

25 फरवरी – 1700 – 2159

(शाजापुर कृषि उपज मंडी के अनुसार दाम क्विंटल में।)

source : naidunia

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