हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

पहली बार इलेक्ट्रिक से चलने वाले ट्रैक्टर का किया गया परिक्षण

 

किसानों को मिलेगी डीजल से राहत

 

इलेक्ट्रिक से चलने वाला ट्रैक्टर

 

डीजल की कीमतें देश में लगातार बढती जा रही हैं, ऐसे में किसानों के फसल उत्पादन की लागत में भी लगातार वृद्धि हो रही है |

डीजल के बढ़ते दामों से परेशान किसानों के लिए राहत भरी खबर है |

सेंट्रल फार्म मशीनरी ट्रेनिंग एंड टेस्टिंग इंस्टीट्यूट, बुदनी (मध्यप्रदेश) ने संस्थान में पहली बार इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर का परीक्षण किया है।

संस्थान ने शुरू में गोपनीय परीक्षण के तहत एक इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर के लिए आवेदन प्राप्त हुआ था जिसके बाद यह प्रशिक्षण किया गया |

अगर इलेक्ट्रिक कारों की तरह यह ट्रैक्टर का परीक्षण कामयाब रहा तो यह खेती-किसानी के कार्यों की लागत को कम करने में काफी मददगार साबित होगा |

 

यह भी पढ़े : ऋण के भुगतान की अंतिम तिथि बढ़ाई गई

 

केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार संसथान ने शुरू में गोपनीय परीक्षण के तहत एक इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर के लिए आवेदन प्राप्त किया। उसके बाद संस्थान ने ट्रैक्टर का परीक्षण किया और फरवरी, 2021 में ड्राफ्ट टेस्ट रिपोर्ट जारी की ।

ड्राफ्ट टेस्ट रिपोर्ट जारी होने के बाद, निर्माता ने परीक्षण की प्रकृति को “गोपनीय से वाणिज्यिक” में बदलने का अनुरोध किया और सक्षम प्राधिकारण ने विनिर्माता के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है |

18 पैरामीटरों पर ट्रैक्टर की टेस्टिंग की जाती है, हालांकि अभी तक ट्रैक्टर की परफोर्मेंस कैसी है, बेट्री कितनी चलती है, चार्ज कैसे होगा इसके विषय में अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है |

इसके आलवा यह भी एक बड़ा सवाल रहेगा की इस पर किसानों को इलेक्ट्रिक ट्रेक्टर पर सब्सिडी कितनी दी जाएगी ? यह सभी सवालों के जबाब तो ट्रैक्टर के बाजार में आने के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा |

 

देश का पहला CNG से चलने वाला ट्रैक्टर भी हो चूका है लांच

इस वर्ष की शुरुआत में केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने CNG से चलने वाला ट्रेक्टर भी लांच किया था |

रामैट टेक्नो सल्यूशन और टोमासेटो अचीले इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से डीजल की जगह CNG गैस से चलने वाला इंजन विकसित किया है |

डीजल इंजन को ही तकनीक के माध्यम से परिवर्तित कर CNG गैस से चलने वाले इंजन के रूप में परिवर्तित किया गया है |

इस प्रकार CNG से चलने वाला यह देश का पहला ट्रेक्टर है तथा यह अभी पायलेट प्रोजेक्ट के तहत विकसित किया गया है |

आने वाले दिनों में किसी भी ट्रेक्टर में एक नई कीट लगाकर CNG से चलने वाला बनाया जा सकता है |

 

यह भी पढ़े : सब्सिडी पर 50 मीट्रिक टन क्षमता का प्याज भंडार गृह बनवाने के लिए आवेदन करें

 

source

 

शेयर करे