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गिरे भाव, किसानों को रुलाएगा प्याज

 

लगातार आसमान पर पहुंचने वाले प्याज के भाव चंद दिनों में ही जमीन पर आ गए हैं।

 

इससे किसान परेशान हो गया है। प्याज अभी पूरी तरह से खेतों से बाहर भी नहीं आया है, लेकिन भावों में गिरावट होने लगी है। इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं। बताया जा रहा है कि 50 से 60 रुपए प्रति किलो तक बिकने वाला प्याज मौजूदा समय में महज 15 रुपये किलो में बिक रहा है।

ऐसे में किसानों को समझ नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए। उधर, दूसरी तरफ महज एक महीने के भीतर ही देशी प्याज की आवक का जोर बढ़ने लगेगा। ऐसे में प्याज के भाव अभी और उतरने की संभावना प्रबल हो चुकी है।

 

गौरतलब है कि शुरुआती दौर में प्याज के बीज के भाव आसमान को छूने लगे थे। ऐसे में किसानों ने प्याज के महंगे बीज से नर्सरी तैयार की थी, लेकिन बेमौसम की बारिश ने किसानों को रोने पर मजबूर कर दिया।

फसल जहां जमींदोज हो गई, तो किसानों को दोबारा फसल तैयार करने में मशक्क्‌त करनी पड़ी थी। ऐसे में इस बार प्याज की खेती खर्चीली हो गई थी। बावजूद इसके भाव नहीं मिलने से किसान त्रस्त होता नजर आ रहा है।

 

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एक बीघा में करीब 50 हजार से ज्यादा का खर्चा

किसान मुकेश पटेल और जितेंद्र मुकाती ने बताया कि प्याज की खेती करना बहुत महंगा साबित हुआ है। उन्होंने बताया कि प्रति बीघा करीब 50 हजार रुपये से अधिक का खर्च प्याज की खेती पर हुआ था, लेकिन अब यह खर्च भी निकल जाए, तो बड़ी बात होगी।

उधर, कई किसानों का कहना है कि यदि सरकार प्याज का समर्थन मूल्य करीब 30 रुपये प्रति किलो कर दे, तो संभवतः किसानों को आर्थिक लाभ नहीं होगा, लेकिन नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा।

 

किसान हैरान, प्याज में बीमारी

किसानों ने बताया कि इस बार प्याज की फसल पर थिप्स और अन्य वायरस का प्रकोप हो गया है। ऐसे में उत्पादन आधा होने की संभावना जताई जा रही है। ग्राम बांडीखली के किसान रमेश भूरिया ने बताया कि इंदौर की मंडी में प्याज बेचने के लिए गए थे, लेकिन वहां पर 15 रुपये किलो में प्याज बेचना पड़ा।

उन्होंने बताया कि 12 रुपये प्रति किलो के आसपास लागत बैठती है। सरदारपुर के वरिष्ठ उद्यानिकी विकास अधिकारी सखाराम मुजाल्दे ने बताया कि थिप्स तो प्याज की फसल पर आता ही है।

बचाव के लिए फंगीसाइड व पेस्टिसाइड दवाई का छिड़काव करना पड़ता है। बारिश, ओले आदि की वजह से पत्ते प्रभावित जरूर हुए हैं।

 

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source : naidunia

 

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