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किसान भाई इस सप्ताह करें ये काम, गेहूं, सरसों, चना, मटर में होगा लाभ

 

फसल की पैदावार में होगी बढ़ोतरी, मिलेगा भरपूर मुनाफा

 

मटर

  • किसान भाइयों को सलाह है कि मटर की यदि पत्तियों की दोनों सतह पर सफेद चूर्णयुक्त धब्बे बन जाते हैं। और पौधों की पत्तियों पर हल्के भूरे रंग के धब्बे बन जाते हैं। तो इसके नियंत्रण हेतु सल्फर 2 ग्राम प्रति लीटर की दर से छिड़ाकव करेें।
  • मटर की अंतिम तुड़ाई की अवस्था है फली से बीज बनाना हो तो फसल की तुड़ाई न करेें।

 

सरसों

  • मौसम को ध्यान में रखते हुए किसानों को सलाह है कि सरसों की फसल में चेपा कीट के आक्रमण होने पर प्रारंभिक अवस्था में प्रभावित भाग को काटकर नष्ट कर दें।
  • रसायनिक विधि से नियंत्रण करने हेतु इमिडाक्लोप्रिड 7 मिली/टंकी (कुल 10 टंकी दवा) की छिडक़ाव करना है।

 

गेहूं

  • जिन गेहंू की फसल में यूरिया की टाप डे्रसिंग का समय हो गया हो वहां पर यूरिया की टाप डे्रसिंग करें।
  • मौसम को ध्यान में रखते हुए गेहूं की फसल में रोगों, विशेषकर रतुआ की निगरानी करते रहें। काला, भूरा अथवा पीला रतुआ आने पर फसल में डाइथेन एम-45 (2.5 ग्राम/लीटर पानी) का छिडक़ाव करें। पीला रतुआ के लिये 10-20 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त है। 25 डिग्री सेल्सियस तापमान से ऊपर रोग का फैलाव नहीं होता। भूरा रतुआ के लिये 15 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ नमी युक्त जलवायु आवश्यक है।

 

चना

  • चने की फसल में फली छेदक कीट के निगरानी हेतु फेरोमोन प्रपंच/3-4 प्रपंच प्रति एकड़ उन खेतों में लगाएं जहां पौधों में 40-45 प्रतिशत फूल खिल गये हों। ‘टी’ अक्षर आकार के पक्षी बसेरा खेत के विभिन्न जगहों पर लगाएं। फली में दाने पडऩे के बाद खूंटियां अलग कर लेना चाहिए।
  • चने में यदि फूल अवस्था हो तो सिंचाई न करेें।
  • इल्ली के रसायनिक नियंत्रण हेतु प्रोपेनोफास 2 मिली प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिडक़ाव करें।

 

सब्जियां
  • मटर के खेत में अंतिम फली तुड़ाई के बाद खेत साफ करके ग्रीष्म ऋतु की सोयाबीन या भिण्डी, लौकी, बरबटी सब्जियों की पौधशाला तैयार करें।
  • इस सप्ताह तापमान को देखते हुए किसानों को सलाह है कि भिंडी की अगेती बुवाई हेतु ए-4, परभनी क्रांति, अर्का अनामिका आदि किस्मों की बुवाई हेतु खेतों को पलेवा कर देसी खाद डालकर तैयार करें। बीज की मात्रा 10-15 कि.ग्रा./एकड़।
  • टमाटर की फसल में फल छेदक कीट की निगरानी हेतु फेरोमोन प्रपंच/3-4 प्रपंच प्रति एकड़ की दर से लगाएं। यदि कीट अधिक हो तो बी.टी नियमन का छिडक़ाव करें।
  • गोभीवर्गीय फसल में हीरा पीठ इल्ली, मटर में फली छेदक तथा टमाटर में फल छेदक की निगरानी हेतु फेरोमोन प्रपंच/3-4 प्रपंच प्रति एकड़ खेतों में लगाएं।

 

पशु एवं मुर्गी पालन
  • तापमान में कमी को देखते हुये पशुगृहों में रोशनी की व्यवस्था करेें। मुर्गी घर में हवा को रोकने हेतु टाट पट्टी का उपयोग करें।

source : krishakjagat

 

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