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जमीन का रिकार्ड सुधरवाने किसान ने 14 किलोमीटर भरे पिंड, रास्ते में अफसरों की समझाइश पर लौटा गांव

विदिशा –

लाबगंज तहसील के ग्राम रकोली निवासी एक किसान पट्टे में मिली 2 हेक्टेयर जमीन का रिकार्ड सुधरवाने के लिए अपने गांव से पिंड भरते हुए न्यायाधीशों के जयकारे लगाते कलेक्टर के पास न्याय मांगने आ रहा था। जैसे ही यह जानकारी अफसरों तक पहुंची तो उसे रास्ते में ही समझाइश देकर उसके गांव छोड़ दिया।

किसान पन्नाालाल अहिरवार ने बताया कि उसे दो हेक्टेयर जमीन सरकार ने करीब 20 साल पहले दी थी। लेकिन साल 2016 में तत्कालीन एसडीम ने पट्टा निरस्त कर दिया था।

इसके बाद उसने कमिश्नर के यहां अपील की जहां से उसे न्याय नहीं मिला तो वह राजस्व मंडल ग्वालियर चला गया। वहां प्रकरण की सुनवाई होने के बाद उसके पक्ष में फैसल किया गया था।

इसके बाद ग्वालियर से तहसील कार्यालय में आदेश भेजा गया था जमीन को रिकार्ड में अमल कराया जाए। उसने बताया कि तहसीलदार ने संबंधित पटवारी को 3 दिन में रिकार्ड में अमल कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन पटवारी ने यह कहते हुए अमल करने से मना कर दिया कि वह सरकारी भूमि है। कलेक्टर की आईडी से अमल कराना पड़ेगी।

इसके बाद कलेक्टर के यहां फाइल भेज दी गई थी। कलेक्टर के यहां से कुछ टीप लगाकर फाइल फिर एसडीएम कार्यालय भेजी गई। इस तरह लगातार उसे परेशान किया जा रहा है। अब एसडीएम ने फाइल में यह टीप लगाकर भेजी है कि जमीन देने से शासन का अहित होगा। जिससे उसे न्याय मिलने में आशंका लग रही है।

इसी कारण वह पिंड भरते हुए कलेक्टर के पास न्याय मांगने जा रहा था।

 

14 किमी. चलने के बाद पहुंचे अफसर

किसान पिंड भरकर कलेक्टर से न्याय मांगने जा रहा है यह जानकारी जैसे ही अफसरों को मिली तो वह फरियादी के वकील को साथ लेकर किसान से मिलने पहुंचे। तब तक किसान अपने गांव से करीब 14 किलोमीटर दूर ग्राम वन तक पहुंच गया था।

उसने बताया कि उसके साथ उसकी 80 वर्षीय बुजुर्ग मां फूलबाई और 35 वर्षीय पत्नी राखी पैदल चल रही थीं। जबकि वह पिंड भरते चल रहा था।

इसी दौरान एसडीएम बृजेंद्र रावत, तहसीलदार एवं अन्य कर्मचारी पहुंचे और किसान को समझाकर उसके गांव छोड़ दिया है।

 

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source: Naidunia

 

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