हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

मूंगफली की खेती कर लखपति बन सकते हैं किसान

मूंगफली की खेती

 

मूंगफली की अच्छी फसल के हल्की पीली दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है.

इस दौरान खेत में उचित जलनिकासी की व्यवस्था होनी चाहिए, जलजमाव से फसल सड़ जाने की संभावना बनी रहती है.

 

खरीफ के सीजन में सरकार धान और मक्के के अलावा किसानों को अन्य फसलों की खेती की तरफ प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रही है.

ऐसे में मूंगफली की खेती करना किसानों के लिए बढ़िया विकल्प उभर कर सामने आया है.

भारत के कई प्रदेशों में इसकी बड़े पैमाने पर खेती की जाती है.

 

कहां करें मूंगफली की खेती

बता दें कि मूंगफली की अच्छी फसल के हल्की पीली दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है.

इस दौरान खेत में उचित जलनिकासी की व्यवस्था होनी चाहिए, जलजमाव से फसल सड़ जाने की संभावना बनी रहती है.

इसके पौधे गर्मी और प्रकाश में अच्छे से विकास करते है, इसलिए इसकी खेती गर्म प्रदेशों में ज्यादा देखी जाती है.

इसकी रोपाई बीज विधि के माध्यम से की जाती है. इसके पौधे न्यूनतम 15 डिग्री तथा अधिकतम 35 डिग्री तापमान में विकास करते हैं.

 

पत्तियां पकने पर शुरू कर दें कटाई

मूंगफली के फसल की कटाई तभी करें जब इसकी पत्तियां अच्छे तरीके से पक जाए. पत्तियां पकने के बाद गिरना शुरू कर देती हैं.

स दौरान ध्यान दें इसके अंदर का फली सख्त हो एवं दाने का अंदरूनी रंग गहरा हो, तो ये फसल कटाई लायक हो गई है.

कटाई के बाद अपनी फसल को मार्केट में बेच किसान आराम से लखपति बन सकता है.

 

गरीबों का बादाम मानी जाती है मूंगफली

बता दें कि हाल ही में कच्चा बादाम गाना काफी वायरल हुआ था. इसे गाने वाले भुबन बादायकर रातों-रात मशहूर हो गए थे.

सोशल मीडिया पर इससे जुड़े कई रील्स वायरल हो रहे थे. इसे कच्चा बादाम कहने के पीछे भी एक वजह है. 

दरअसल, मूंगफली को गरीबों का बादाम कहा जाता है. इसके खाने से कई तरह की बीमारियों को दूर किया जा सकता है.

ब्लड शुगर, जुकाम जैसी बीमारियों में इसका सेवन लाभदायक है.

source : aajtak

यह भी पढ़े : अधिक पैदावार के लिए बुआई से पहले ज़रूर करें बीज अंकुरण परीक्षण

 

यह भी पढ़े : सोयाबीन की बोवनी हेतु किसानो के लिए महत्वपूर्ण सलाह

 

शेयर करे