करोड़ों में पहुंच सकता है मुनाफा
सागवान की लकड़ी हल्की और अधिक समय टिकी रहती है, इसकी लकड़ी में दीमक लगने का खतरा नहीं होता है, साथ ही इसमें सिकुड़न कम होती है.
इस लकड़ी को भारत में ठंडे स्थानों के अलावा किसी भी जगह लगाया जा सकता है. ठंडे प्रदेशों में इसके पौधों को नुकसान पहुंचता है.
भारत में पिछले कुछ समय से पारंपरिक फसलों के उत्पादन में लगातार कमी देखने को मिल रही है.
कभी बाढ़ तो कभी तूफान से किसानों को हर साल दो-चार होना पड़ता है.
ऐसे में केंद्र और राज्य दोनों सरकारें किसानों को ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पेड़ लगाने की सलाह दे रहे हैं.
बता दें कि सागवान का पेड़ 200 सालों तक जीवित रहता है.
लंबाई 100 से 140 फ़ीट तक होती है. इसकी लकड़ियों का इस्तेमाल प्लाईवुड, जहाज़, रेल के डिब्बे और फर्नीचर्स बनाने में इस्तेमाल किया जाता है.
इसके अलावा सागवान की छाल और पत्तियों से कई तरह की शक्तिवर्धक दवाओं को बनाने में इस्तेमाल किया जाता है.
ठंड प्रदेशों में इस पेड़ को ना लगाएं
सागवान की लकड़ी हल्की और अधिक समय टिकी रहती है, इसकी लकड़ी में दीमक लगने का खतरा नहीं होता है, साथ ही इसमें अन्य पेड़ों के मुकाबले कम सिकुड़न होती है.
इस पेड़ को भारत में ठंडे स्थानों के अलावा किसी भी जगह लगाया जा सकता है. ठंडे प्रदेशों में इसके पौधों को नुकसान पहुंचता है.
ऐसे कमाएं डबल मुनाफा
सागवान की खेती में मेहनत बहुत ही कम और कमाई बहुत अधिक होती है.
यह आप सागौन की खेती की साथ-साथ सब्जियों और फूलों की भी खेती कर सकते हैं. जिससे किसानों का मुनाफा डबल हो सकता है.
सागवान से करोड़ों का मुनाफा
आमतौर पर सागवान के पेड़ की कीमत की बात करें तो तैयार होने के बाद प्रति पेड़ लम्बाई और मोटाई के हिसाब से 25 हजार से 40 हजार रुपये तक बिकती है.
विशेषज्ञों के अनुसार अगर किसान एक एकड़ खेत में सागवान की खेती करते हैं तो लगभग 120 सागवान के पौधे लगते हैं.
जब ये पौधे कटाई के लिए तैयार होते हैं तो इससे जो कमाई होती है वह करोड़ों में पहुंच जाती है.
source : aajtak
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