हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

जड़ सड़न से बचाव के लिए खेताें में जमा पानी की निकासी करें किसान

 

पीला माेजेक के लिए दवा का किया जाए छिड़काव

 

किसान साेयाबीन काे जड़ सड़न से बचाने के लिए खेताें में जमा पानी की निकासी की व्यवस्था करें। जल भराव हाेने से जड़ सड़न का खतरा रहता है।

पीला माेजेक नजर आने पर कृषि वैज्ञानिकाें की सलाह पर कीटनाशक का छिड़काव किया जाए।

कृषि विभाग ने किसानाें काे साेयाबीन फसल के बचाव के लिए सलाह जारी की है।

विभाग ने फसल की सतत निगरानी करने काे कहा है।

 

जड़ सड़न की रोकथाम के लिए  क्या करे 

डीडीए एमपीएस चंद्रावत ने कहा फसलाें पर कीट दिखाई देने पर किसान कृषि वैज्ञानिकाें से सलाह लें।

जड़ सड़न की रोकथाम के लिए टेबूकोनाझोल 625 एमएल, टेबूकोनाझोल सल्फर 1250 एमएल, हैक्जाकोनाझोल 5 प्रतिशत ईसी 500 एमएल या पायरोक्लोस्ट्रीबिन 20 प्रतिशत, डब्ल्यूजी 375-500 एमएल प्रति हेक्टर की दर से किसी भी एक रसायन का छिड़काव किया जा सकता है।

 

पीला माेजेक फैलाने वाली सफेद मक्खी के लिए खेत में यलोस्ट्रीकी ट्रेप लगाए जा सकते हैं।

उन्हाेंने तेजी से पीला माेजेक फैलने पर थायोमिथाक्सम 25 डब्ल्यूजी 100 ग्राम प्रति 500 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने की सलाह दी है।

नर वयस्क कीट के लिए सोयाबीन की फसल में प्रकाश जाल (लाइट ट्रेप) लगाएं।

 

इससे फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों की स्थिति के बारे में जानकारी के साथ उनका प्रबंधन किया जा सकेगा।

डीडीए चंद्रावत ने कहा सोयाबीन की फसल में अन्य सोयाबीन की किस्मों के पौधे हैं, तो उन पौधों को निकाल दें, जिससे बीज की शुद्धता बनी रहे।

 

यह भी पढ़े : तेजी से बढ़ रहे सरसों के दाम के चलते पैदावार में हो सकता है इजाफा

 

यह भी पढ़े : कृषि उपज की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने की ये बड़ी पहल

 

यह भी पढ़े : PM Kisan की किस्त पाने वाले किसानों को मिल सकता है पेंशन का लाभ

 

source : dainik bhaskar

 

शेयर करे