लगातार हो रही बारिश से फसलों पर कीट एवं रोगों के प्रकोप की संभावना बढ़ जाती है। जिसको देखते हुए कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा लगातार किसानों के बीच जाकर फसलों की स्थिति का जायजा लिया जा रहा है।
इस क्रम में जबलपुर कृषि विभाग के उप संचालक कृषि डॉ.एस के निगम, सहायक संचालक कृषि अमित पांडे ने विकासखण्ड कुंडेश्वर धाम के ग्राम बीजापुरी के कृषक मनीराम मरावी के खेत पहुँचकर औषधीय फसल स्टीविया का अवलोकन किया।
स्टीविया एक उच्च मूल्य वाली फसल है, जो किसानों के लिए मधुमेह रोग प्रतिरोधी होने के साथ-साथ आय के बेहतर स्त्रोत प्रदान कर सकती है।
किसानों को लाइट ट्रैप के उपयोग की दी सलाह
भ्रमण के दौरान डॉ. निगम ने किसानों को फसल के उन्नत उत्पादन तकनीक, प्रसंस्करण एवं विपणन के बारे में भी मार्गदर्शन दिया तथा किसानों को जैविक खेती और एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन के बारे में जानकारी दी।
कृषि अधिकारियों ने ग्राम कुंडेश्वर धाम के किसान प्रेम नारायण सेन के खेत पर पूसा अरहर 16 किस्म का भी अवलोकन किया।
यह 120 दिन मे पकने वाली किस्म है। इस मौके पर कीट नियंत्रण हेतु लाइट ट्रैप के उपयोग करने किसानों को प्रेरित किया गया।
किसानों को बताया गया कि लाइट ट्रेप कीट नियंत्रण का एक प्रभावी और पर्यावरण-संवेदनशील उपाय है।
इसके माध्यम से कीटों की पहचान और नियंत्रण कर जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा सकता है, जिससे किसानों की उत्पादन लागत में कमी आयेगी और फसल की गुणवत्ता में सुधार होगा।
किसान करें जैविक खेती
अनुविभागीय अधिकारी कृषि पाटन एवं नोडल अधिकारी जैविक राज्य प्रमाणीकरण संस्था डॉ. इंदिरा त्रिपाठी ने किसानों से आग्रह किया कि वे समूह बनाकर जैविक खेती की दिशा में कार्य करें और मध्य प्रदेश राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था के तहत पंजीकृत हों।
इस पहल से न केवल किसानों को बेहतर बाजार मिल सकेगा, बल्कि वे अपने उत्पादों को जैविक प्रमाणित कर मूल्य संवर्धन का लाभ भी प्राप्त कर सकेंगे।
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