हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

किसान नवंबर माह में इन फसलों की बुवाई करें

मिलेगा रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन

 

रबी सीजन शुरू होते ही किसानों को 15 नंवबर तक इन फसलों की बुवाई कर लेनी चाहिए, क्योंकि यह समय बीजों को मिट्टी में अच्छे से जमाता है.

जिसके बाद यह फरवरी मार्च में कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं.

 

देश के अधिकतर हिस्सों में रबी फसलों की बुवाई का काम चरम पर है. 

कृषि सलहाकारों की मानें तो 15 अक्टूबर से लेकर 15 नवंबर का समय फसलों की अगेती बुवाई के लिए बेहद अनुकूल माना जाता है.

इस दौरान बुवाई करने से मिट्टी में बीजों का जमाव सही तरह से होता है.

जिससे पौधें की जड़ें मजबूत होती हैं और पौधे का अच्छी तरह से विकास भी होता है और फरवरी- मार्च तक यह पूर्ण रूप से विकसित भी हो जाती हैं.

 

रबी सीजन में उगाई जानी वाली फसलें

रबी सीजन हल्की गुलाबी ठंड में शुरू हो जाता है, इस सीजन में मुख्त: गेहूं, जौ, सरसों, आलू, मटर चना आदि की खेती की जाती है.

इसके साथ ही बागवानी की फसलों में आलू, मूली, गाजर, टमाटर, भिंडी, सेम, लौकी, गोभी, पालक, मैथी, करेला, शलगम आदि की खेती की जाती है.

 

गेहूं की खेती

रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं को कहा जाता है. जो देश के अधिकतर हिस्मों में बड़े पैमाने में की जाती है.

पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश को गेहूं के उत्पादन का हब माना जाता है.

यहां पर उत्पादित गेहूं से देश की खाद्य आपूर्ती तो की ही जाती है साथ ही निर्यात भी किया जाता है.

गेहूं की अगेती किस्मों की बुवाई के लिए अनुकूल समय 15 अक्टूबर से लेकर 15 नवंबर है.

 

चना की खेती

चना खपत भारत समेत अन्य देशों में बड़े पैमाने पर होती है. रबी सीजन में दलहनी फसलों में चने को मुख्य माना जाता है.

भारत के यूपी, बिहार महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक और मध्य प्रदेश चना उत्पादन के बड़े राज्य माने जाते हैं.

चने की बुवाई के लिए सही समय अक्टूबर-नवंबर का महीना उपयुक्त माना जाता है,

क्योंकि चने की खेती के लिए सामान्य तापमान की आवश्यकता होती है.

 

सरसों की खेती

रबी सीजन में सरसों की खेती को मुख्य दलहनी फसल में से एक माना जाता है.

सरसों की खपत देश- विदेशों में बड़े पैमाने पर होती है. हो भी क्यों ना, क्योंकि सरसों के तेल का उपयोग खाना बनाने में किया जाता है.

मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान व महाराष्ट्र को सरसों की खेती का हब माना जाता है.

पाम तेल व सोयाबीन के बाद सरसों का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है.

सरसों की खेती के साथ अधिकतर किसान मधुमक्खी पालन भी करते हैं, जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी भी होती है.

 

आलू की खेती

आलू की खेती मुख्यत: रबी सीजन में की जाती है.

आलू में सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं, तभी तो इसे सब्जियों का राजा भी कहा जाता है.

आलू की मांग पूरे साल ही रहती है.

हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, और मध्य प्रदेश में आलू की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है.

यह भी पढ़े : युवाओं को दिया जायेगा माली प्रशिक्षण, करें आवेदन

 

यह भी पढ़े : किसानों को अब इतनी सस्ती मिलेगी खाद

 

शेयर करें