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जिन किसानों का बीमा नहीं है, उन्हें भी मिलेगा फसल नुकसान का मुआवजा

 

फसल नुकसान का मुआवजा

 

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में 12 फरवरी 2022 को राज्य के किसानों को 7600 करोड़ रुपए की बीमा क्लेम की राशि का भुगतान किया।

इसके बाद अब शीघ्र ही दो महीने पहले हुई बारिश से किसानों की फसल को हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा।

इस संबंध में अधिकारियों को वीडियोग्राफी और सर्वे के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसानों को राहत पहुंचाई जा सके।

इसके तहत जिन किसानों ने बीमा कराया है उनको तो मुआवजा मिलेगा ही, साथ ही राज्य सरकार की ओर से ऐसे किसानों को भी मुआवजा दिया जाएगा जो किसी कारणवश अपनी फसल का बीमा नहीं करा पाएं।

इस संबंध में कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि जिन किसान भाइयों की फसल का बीमा नहीं है उन्हें आरबीसी 6-4 में राहत दी जाएगी।

इसके लिए वीडियोग्राफी के साथ सर्वे करवाने के निर्देश हमने अधिकारियों को दिए हैं। 

 

क्या है आरबीसी 6-4 और इसमें कितनी मिलती है सहायता राशि

राजस्व पुस्तक परिपत्र खंड 6 क्रमांक-4 में दी जाने वाली आर्थिक सहायता के तहत सर्प/गुहेरा या जहरीले जंतु के काटने से अथवा बस या अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नदी में गिरने या पहाड़ी आदि से गड्ढे में गिरने से इस वाहन पर सवार व्यक्तियों की मृत्यु होने पर मृत व्यक्ति के परिजन को 4 लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।

पहले यह सहायता राशि 50 हजार रुपए थी। वहीं पानी में डूबने अथवा नाव दुर्घटना में मृत व्यक्ति के परिजन को एक लाख के स्थान पर अब 4 लाख तक की सहायता दी जाती है।

इसी प्रकार आग अथवा अन्य प्राकृतिक आपदा से किसान की बैलगाड़ी अथवा कृषि उपकरण नष्ट हो जाने पर 10 हजार रुपए तक की सहायता राशि दी जाती है।

पहले से सहायता राशि 4 हजार रुपए दी जाती थी।

 

इन जिलों में होगा सर्वे और वीडियोग्राफी का काम 

बता दें कि पिछले महीनों के दौरान मध्य प्रदेश के टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना के अलावा रीवा, छिंदवाड़ा, बैतूल, हरदा, मुरैना और नरसिंहपुर जिलों मैं 3 से 4 सेंटीमीटर तक बारिश हुई थी।

जिससे किसानों को फसलों को भारी नुकसान पहुंचा था।

बताया जा रहा है कि सरकार जल्द ही इन जिलों में वीडियोग्राफी और सर्वे का काम शुरू करेगी ताकि किसानों को बारिश और ओलावृष्टि फसल को हुए नुकसान का मुआवजा मिल सके। 

 

मुख्यमंत्री ने भी दिए सर्वे के निर्देश

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान के सर्वे के निर्देश दिए हैं, सीएम ने कहा कि ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसल का सर्वे कराया जाएगा।

क्षति का आकलन कर किसानों को राहत राशि देने की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिलने के लिए निर्देशित किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अनेक गांव और कुछ जिलों में वर्षा के साथ ओलावृष्टि हुई है।

वर्षा के कारण फसलों को लाभ भी हुआ है, लेकिन ओलावृष्टि के कारण फसलों को कई स्थानों पर नुकसान भी पहुंचा है।

मैंने निर्देशित किया है कि ओलावृष्टि के कारण जहां-जहां किसान भाई-बहनों की फसलें बर्बाद हुई हैं। वहां तत्काल सर्वे किया जाए। 

 

इन किसानों को वितरित किए खाता अंतरण राशि के चेक

कार्यक्रम में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने इंदौर जिले के गांवों के किसानों को चेक वितरित किए।

जिन किसानों को चेक वितरित किए गए उनके नाम इस प्रकार से हैं- 

  • गांव पाड्या के प्रहलाद पिता प्रताप सिंह को 6 लाख 53 हजार 766 रुपए
  • ग्राम ओसरा के लक्ष्मी नारायण पिता रामसिंह को 5 लाख 15 हजार 715 रुपए
  • ग्राम चिखली के हेमराज पिता रामकिशन को 5 लाख 72 हजार 341 रुपए
  • ग्राम राजधरा की जमनाबाई पिता कमल सिंह को 5 लाख 49 हजार 392 रुपए
  • ग्राम सेमल्या के देवेन्द्र पिता बद्री प्रसाद को 6 लाख 76 हजार 884 रुपए 
  • ग्राम निग्नोटी के लक्ष्मण सिंह को 5 लाख 11 हजार 717 रुपए का चेक दिया गया।

 

फसल बीमा राशि का कैसे किया गया है निर्धारण

यह राशि किसानों के द्वारा किए गए दावों तथा सर्वे के आधार पर किसानों को भुगतान किया गया है।

किसानों को प्रति हेक्टेयर के आधार पर तथा फसलों के नुकसान के आधार पर बीमा राशि तय की गई है।

इसलिए किसानों के बीच ऐसा हो सकता है कि एक ही गांव के दो अलग-अलग भूमि का अलग-अलग मुआवजा राशि बनेगी।

इसके अलावा जिले के अनुसार भी बीमा राशि अलग हो सकती है।

 

पीएम फसल बीमा योजना के तहत किसानों को कब, कितना किया गया दावा राशि का भुगतान

वर्ष 2016-17 से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत किसानों तथा केंद्र और राज्य सरकारों के द्वारा प्रीमियम राशि फसल बीमा कंपनी को दी जाती है।

फसल नुकसानी पर किसानों को दावे के अनुसार भुगतान किया जाता है।

इस योजना के तहत अब तक वित्तीय वर्ष के अनुसार किसानों को अब तक दावा राशि का भुगतान किया गया वे इस प्रकार से है-

  • वित्तीय वर्ष 2016-17 में खरीफ तथा रबी फसलों के लिए कुल 3,778 करोड़ रुपए का प्रीमियम भुगतान किया गया था इसमें किसानों का अंश प्रीमियम राशि 723.9 करोड़ रुपए था। प्राकृतिक कारणों से फसल नुकसानी पर किसानों के द्वारा 2,043.8 करोड़ रुपए तथा जिस पर कंपनी ने शत प्रतिशत भुगतान किया है।
  • वितीय वर्ष 2017-18 के में खरीफ तथा रबी फसलों के लिए कुल 4,663.2 करोड़ रूपये का प्रीमियम भुगतान किया गया था। इसमें किसानों का अंश प्रीमियम राशि 795.7 करोड़ रुपए है। प्राकृतिक कारणों से फसल नुकसानी पर किसानों के द्वारा 5,880.4 करोड़ रुपए तथा जिस पर कंपनी ने शत प्रतिशत भुगतान किया है। 
  • वित्तीय वर्ष 2018-19 में खरीफ तथा रबी फसलों के लिए कुल 5,499.1 करोड़ रुपए का प्रीमियम भुगतान किया गया था इसमें किसानों का अंश प्रीमियम राशि 921.0 करोड़ रुपए  है। प्राकृतिक कारणों से फसल नुकसान पर किसानों के द्वारा 3,777.3 करोड़ रुपए तथा जिस पर कंपनी ने 3,776.3 भुगतान किया है। कंपनी के तरफ से किसानों को 1 करोड़ रुपए बकाया रह जाता है। 
  • वित्तीय वर्ष 2019-20  वित्त वर्ष में खरीफ तथा रबी फसलों के लिए कुल 3,908.5 करोड़ रुपए का प्रीमियम भुगतान किया गया था इसमें किसानों का अंश प्रीमियम राशि 653.1 करोड़ रुपया है। प्राकृतिक कारणों से फसल नुकसानी पर किसानों के द्वारा 5,898.8 करोड़ रुपए तथा जिस पर कंपनी ने 5,861.3 भुगतान किया है। कंपनी के तरफ से किसानों को 37.5 करोड़ रुपया बकाया रह जाता है।

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