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पाले से बर्बाद हुई फसल के लिए किसानों को मिलेगा मुआवजा

क्लेम पाने की पूरी प्रोसेस

 

खेती में आंधी, तूफान, बारिश, ओले, बर्फवारी, बाढ़ और पाला पड़ने से फसलें बर्बाद हो जाती है, लेकिन पहले ही फसल का बीमा करा लिया जाए तो नुकसान की भरपाई भी आसानी से हो जाती है.

 

सर्दियां अपने पीक पर है. कई इलाकों में बर्फबारी तो कहीं शीतलहर ने जनजीवन बेहाल कर दिया है.

मौसम की परिस्थितियां चाहे जो हों, लेकिन किसान हमेशा आपको खेतों में ही काम करते मिल जाएंगे.

सर्दियों का यह सीजन किसानों पर काफी भारी रहता है. एक तरफ मौसम से लड़ते हुए फसल की निगरानी करनी होती है.

वहीं कई बार रातोंरात खेतों में पाला जम जाता है और पूरी फसल नष्ट हो जाती है.

विशेषज्ञों की सलाह पर फसल में बचाव के उपाय चल रहे हैं, लेकिन देश के कई इलाकों से ऐसी ही घटनाएं सामने आ रही हैं, जहां आलू, चना, सरसों की फसल में प्रबंधन के बावजूद पाले का बुरा असर पड़ रहा है.

यदि फसल बर्बाद हो जाए तो किसानों के आगे आर्थिक संकट खड़ा हो जाता है.

ऐसी परेशानी से निजात पाने में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मददगार साबित होती है.

यदि किसान ने फसल का बीमा करवाया है और कुछ दिन बाद ही पाला पड़ने से फसल में नुकसान हो जाए तो किसान मुआवजे का हकदार होगा.

 

कैसे मिलता है क्लेम

यदि बीमित फसल में आंधी, तूफान, बारिश, ओले, बर्फवारी, बाढ़ और पाला पड़ने से नुकसान हो गया है तो 72 घंटे के अंदर अपनी बीमा कंपनी को जानकारी देनी होगी.

इसके लिए जिलेवार हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए जाते हैं. 

  • यदि आपने भी फसल का बीमा करवाया है तो बीमा कंपनी अपना हेल्पलाइन या कस्टूमर केयर नंबर उसी समय किसान को उपलब्ध करवा देती है. 
  • बीमित फसल में नुकसान होने पर किसान अपनी बीमा कंपनी के स्थानीय ऑफिस, संबंधित बैंक,  कृषि विभाग के कार्यालय या जिला अधिकारियों को भी जानकारी दे सकते हैं.
  • यहां किसान से एक फॉर्म भरवाया जाता है, जिसमें बर्बाद या प्रभावित हुई फसल की जानकारी, नाम, वजह, रकबा और किसान का नाम आदि बताना होता है.

कितना क्लेम मिलेगा

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत यदि बीमित फसल में नुकसान हो जाए तो बीमा कंपनियों से दो तरीके से भरपाई मिलती है.

यदि प्राकृतिक आपदा से फसल का उत्पादन प्रभावित हुआ है, लेकिन फसल पूरी तरह से बर्बाद नहीं हुई है तो फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद आंशिक भरपाई निर्धारित कर दी जाती है,

लेकिन यदि पाला या ओलावृष्टि के कारण फसल में 100 फीसदी नुकसान हुआ है तो क्लेम यानी मुआवजे की राशि अलग होगी.

इस फंड में बीमा कंपनियों के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकारों का भी फंड शामिल होता है.

 

किन फसलों पर मिलता है मुआवजा

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत रबी फसलों का बीमा करवाने पर 1.5 प्रतिशत, खरीफ फसलों के लिए 2 प्रतिशत और बागवानी फसलों के लिए 5 प्रतिशत प्रीमियम की अदायगी करनी होती है.

फिलहाल रबी सीजन चल रहा है, जिसमें पाले, शीतलहर, बर्फवारी से फसलों को नुकसान की संभावना बनी रहती है.

पीएमएफबीवाई के तहत रबी फसलों में गेहूं, जौ, चना, मटर, मसूर, लाही-सरसों, अलसी और आलू को बीमा क्लेम के तहत शामिल किया गया है.

यदि आपने इन फसलों का बीमा करवाया है और फसल में नुकसान हो जाता है तो 72 घंटे के अंदर संबंधित अधिकारी को सूचित करके बीमा क्लेम कर सकते है.

अधिक जानकारी के लिए ऑफिशियल पोर्टल PMFBY या हेल्पलाइन नंबर- 1800-209-1111 पर भी संपर्क कर सकते हैं.

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