हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें
WhatsApp Group Join Now

सीएनजी से चलने वाले वाले ट्रैक्टर से किसानों को मिलेगी राहत

 

CNG से चलने वाले वाले ट्रैक्टर

 

बढ़ती महंगाई एवं कृषि के आधुनिकीकरण से फसल उत्पादन की लागत में ऐसे ही बहुत अधिक वृद्धि हो चुकी है।

ऐसे में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों की मार किसानों पर पड़ रही है।

ऐसे में जरुरी है की कृषि क्षेत्र में भी उर्जा के दुसरे विकल्प देखें जाएँ।

देश में वैसे भी स्वच्छ उर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार के द्वारा इलेक्ट्रिक व्हीकल पर जोर दिया जा रहा है| लोगों के बीच भी इनकी मांग बढ़ी है।

वहीँ इस वर्ष देश में बैटरी एवं सीएनजी से चलने वाले ट्रेक्टर लांच किए गए हैं ताकि किसानों की फसलों की लागत भी कम की जा सके।

यह तकनीक जलवायु संरक्षण के लिए भी बहुत काम की है।

 

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि मालवा का क्षेत्र यहाँ के किसानों के लिए जाना जाता है।

यदि यहाँ ट्रैक्टर सीएनजी से संचालित होने लगे तो न केवल किसानों को आर्थिक राहत मिलेगी बल्कि प्रदेश के विकास की गति भी दोगुनी हो जाएगी।

उन्होंने यह बात इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन में सड़क परियोजनाओं के लोकार्पण-शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।

 

सीएनजी से चलने वाले ट्रैक्टर का करें इंतजाम

उन्होंने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से कहा कि आप सीएनजी से चलने वाले ट्रैक्टर का इंतजाम करें।

सीएनजी पंप केंद्र सरकार आपको उपलब्ध कराएगी। यह मध्यप्रदेश में जलवायु संरक्षण के क्षेत्र में एक बहुत ही उम्दा पहल होगी।

जिस तरह इंदौर में वेस्ट टू वेल्थ का रूपांतरण हो रहा है। उसी तरह से मैं इंदौर नगर निगम आयुक्त को सुझाव दूंगा कि वे टॉयलेट के गंदे पानी से ग्रीन हाइड्रोजन के निर्माण के क्षेत्र में भी कार्य करें।

भविष्य में पेट्रोल और डीजल की जगह ग्रीन हाइड्रोजन से गाड़ियों को चला सकेंगे।

आज भारत ऑयल के इंपोर्ट के लिए जाना जाता है, यदि हमने इस दिशा में कार्य किया तो हम भविष्य में ग्रीन हाइड्रोजन के एक्सपोर्ट के लिए जाने जाएँगे।

 

CNG गैस से चलने वाले ट्रेक्टर से इस प्रकार लाभ होगा

  • डीजल से सीएनजी कम मूल्य पर देश में उपलब्ध है,जिसके कारण ट्रेक्टर को चलाने का खर्च कम आएगा,
  • यह डीजल के मुकाबले अधिक सुरक्षित है, इसमें विस्फोट होने की संभावना कम रहती है,
  • इससे वायु प्रदुषण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी,
  • इंजन को कम नुकसान करता है जिससे ट्रेक्टर पर रख रखाव पर खर्च कम आएगा,
  • CNG से चलने वाले ट्रेक्टर की संख्या बढने पर पराली का उपयोग बायो गैस बनाने में किया जा सकता है

 

source

 

 

यह भी पढ़े : सोयाबीन 16151 में बिका

 

यह भी पढ़े : सिंचाई उपकरण लेने हेतु आवेदन आज से

 

यह भी पढ़े : सब्सिडी पर यह कृषि यंत्र लेने हेतु आवेदन करें

 

 

शेयर करे