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भैंस की इन नस्लों के पालन से मिलेगा बंपर मुनाफा

इतनी है दुग्ध उत्पादन क्षमता

 

भैंस पालन के सहारे किसान बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. किसान सही नस्ल की भैंसों का चुनाव करें, ये बेहद जरूरी है.

अगर किसान गलती से कम दूध देने वाली भैंसों को घर लाता है तो उसका बिजनेस खराब हो सकता है.

 

देश के ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन आय का सबसे बढ़िया स्रोत बनता जा रहा है.

गावों में गाय और भैंस का पालन बड़े स्तर पर किया जाता है.

देश में कुछ ऐसी नस्ल की भैंसें भी हैं, जो हजार लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती हैं.

यहां हम आपको ऐसी ही नस्ल की भैंसों के बारे में जानकारी देंगे, जो कम वक्त में आपको बंपर मुनाफा दे सकती हैं.

 

मुर्रा भैंस

सबसे ज्यादा दूध देने वाली भैंसों में मुर्रा नस्ल को सबसे ज्यादा अव्वल माना जाता है.

इनका पालन उत्तर भारत के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर किया जाता है.

दावा किया जाता है कि ये भैंस महीने भर में 1000 लीटर से अधिक दूध देती है.

मुर्रा भैंस का पालन करने वाले किसानों को इनकी खुराक का खास ध्यान रखने की सलाह दी जाती है.

उत्तर भारत में इस भैंस को बड़े स्तर पाला जाने लगा है.

 

सुर्ती भैंस

पशुपालकों की सबसे पसंदीदा भैंस में सुर्ती नस्ल भी शामिल है.

अगर डेयरी व्यवसाय से बढ़िया मुनाफा कमाना है तो इस नस्ल की भैंस पाली जा सकती है.

ये भैंस महीने भर में 600 से 1000 लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है.

सेहत के लिहाज से इनका दूध काफ़ी गुणकारी है. इस भैंस के दूध में फ़ैट कन्टेंट 8 से 12 प्रतिशत तक होता है.

 

मेहसाणा भैंस

मेहसाणा भैंस की यह नस्ल गुजरात के मेहसाणा जिले और गुजरात से लगे महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों में पाई जाती है.

ये भैंस भी महीने भर में 600-700 लीटर तक दूध देती है.यानी ये भैंस एक दिन में 20 से 30 लीटर तक दूध देती है.

गुजरात और महाराष्ट्र बड़े पैमाने पर किसान इस भैंस का पालन किया जाता है.

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