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उर्वरक मंत्री मांडविया बोले- देश में खाद की कोई कमी नहीं

 

आपूर्ति की निगरानी करें राज्य सरकारें

 

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार, राज्य सरकारों द्वारा बताई गई आवश्यकता के आधार पर ‘बिना किसी देरी’ के सभी राज्यों को उर्वरकों की आपूर्ति कर रही है.

सरकारी बयान के मुताबिक, ‘देश भर में उर्वरकों का पर्याप्त उत्पादन हो रहा है और किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है.’

 

रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को कहा कि देश में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है.

उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि वे यूरिया को उद्योगों की ओर ले जाने से रोकने के अलावा मिट्टी के इस प्रमुख पोषक तत्व की दैनिक आधार पर मांग-आपूर्ति की निगरानी करें.

मंत्री ने राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ उर्वरक उपलब्धता की स्थिति की वर्चुअल तरीके से समीक्षा की.

मांडविया ने कहा कि विकल्पों का पता लगाने और नैनो यूरिया और जैविक उर्वरकों जैसे वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है.

 

इसके अलावा उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार, राज्य सरकारों द्वारा बताई गई आवश्यकता के आधार पर ‘बिना किसी देरी’ के सभी राज्यों को उर्वरकों की आपूर्ति कर रही है.

मांडविया के हवाले से एक सरकारी बयान में कहा गया, ‘देश भर में उर्वरकों का पर्याप्त उत्पादन हो रहा है और किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है.’

समीक्षा बैठक में 18 राज्यों के कृषि मंत्रियों ने भाग लिया.

 

‘यूरिया की आवश्यकता को पूरा करने के लिए कर रहे हैं अथक प्रयास’

मांडविया ने कहा कि किसानों और कृषि क्षेत्र की उर्वरक आवश्यकता का प्रबंधन केंद्र और राज्यों की सामूहिक जिम्मेदारी है.

उन्होंने राज्य के मंत्रियों को आश्वासन दिया कि केंद्र आगामी रबी सत्र में देश की यूरिया की आवश्यकता को पूरा करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है.

मंत्री ने राज्यों से उर्वरकों के विवेकपूर्ण उपयोग और अपव्यय और दुरुपयोग को कम करने के लिए जागरूकता बढ़ाने और किसानों को प्रेरित करने को कहा.

 

खाद के लिए किसान परेशान

देश के ज्यादातर राज्यों में किसान खाद की कमी से परेशान हैं.

लगातार खाद नहीं मिलने की आ रही सूचनाओं के बाद केंद्रीय मंत्री ने बैठक की और यह बयान दिया.

हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान जैसे राज्यों में किसान रबी फसलों की बुवाई कर रहे हैं.

सीजन के शुरुआत के साथ ही खाद की कमी की खबरें आने लगीं.

हालांकि प्रशासन का कहना है कि पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है, लेकिन इस दावे के उलट किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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