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किसानों के लिए अच्छी खबर – अब गोबर से बनेगी सीएनजी

 

गोबर से सीएनजी उत्पादन प्लांट

 

मध्यप्रदेश के किसानों के लिए अच्छी खबर, अब राज्य के गोबर और पराली से राज्य किसानों को फायदा होगा।

गोबर और पराली उपयोग किये जाने की तैयारी राज्य सरकार कर रही है।

इसके लिए हाल ही पारित हुए केंद्रीय बजट में पशुपालन विभाग की बैठक में सीएम ने गोबर से सीएनजी उत्पादन के प्लांट को मंजूरी दे दी है और प्लांट के लिए जबलपुर को चिन्हित किया गया है।

यूपी के बनारस में संचालित सीएनजी प्लांट का निरीक्षण करने के लिए जबलपुर से टीम भेजकर प्लांट का प्रोजेक्ट तैयार जल्द ही किया जाएगा।

हरे चारे को काटकर ब्लॉक बनाने की तकनीक को भी प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।

सीएम ने कम राशि से संचालित होने वाले बकरी एवं मुर्गी पालन जैसी गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित करने को कहा है।

 

खेत में प्राकृतिक खेती का मॉडल फॉर्म विकसित करें

एमपी सीएम ने केंद्रीय बजट से राज्य सरकार को जिन-जिन योजनाओं, कार्य एवं गतिविधियों से लाभ मिल सकता है, उस संबंध के प्रत्येक विभाग को व्यवहारिक कार्ययोजना बनाने के लिए कहा।

इसमें कृषि का विविधीकरण, मोटे अनाजों की खेती को प्रोत्साहन, प्राकृतिक खेती के लिए राज्य सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा मंत्रिपरिषद के जिन-जिन सदस्यों के पास खेती योग्य जमीन है वे अपने खेत में प्राकृतिक खेती का मॉडल फॉर्म विकसित करें।

इससे प्राकृतिक खेती के लिए प्रदेश के किसानों को प्रेरणा मिलेगी।

मुख्य मंत्री ने बताया कि नर्मदा नदी के दोनों और पांच किलोमीटर की पट्टी पर प्राकृतिक खेती को विकसित करें।

 

बजट के प्रावधानों से अधिकतम सहयोग प्राप्त करने का प्रयास

मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों से बजट और योजनाओं के बारे में चर्चा की। सीएम ने कहा कि बजट के प्रावधानों का प्रदेश के विकास के लिए अधिकतम सहयोग लाभ प्राप्त किया जाएगा।

आयोजन में सीएम ने जानकारी दी की राज्य में फसल पैटर्न के बदलाव में खरीफ की फसलों से शुरूआत की जायेगी।

पराली जलाने पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार द्वारा कस्टम हायरिंग सेंटर बनाए जाएंगे। और किसानों को किराए पर मशीन भी उपलब्ध कराई जायेगी।

 

मधुमक्खी पालन के लिए प्लान 

मुख्यमंत्री ने अपने राज्य के जिलों के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहां की बागवानी के तहत  निर्धारित 22 उत्पादों का मैकेनिज्म किया जाए।

उत्पादकों की उद्यानिकी उत्पाद, उनके गुणवत्ता सुधार, पैकेजिंग, मार्केटिंग औ ब्राण्डिंग के लिए पूर्ण नीति बनाये और उनका क्रियान्वयन निश्चित अवश्य करे।

मधुमक्खी पालन को उन्हीं जिलों में किया जाए जहां फूलों की खेती अधिक होती है।

उद्यानिकी सहित पॉली हाउस, नर्सरी, प्राकृतिक खेती आदि केे लिए दक्ष व्यक्तियों के प्रशिक्षण के लिए विशेष व्यवस्था करे। 

 

सहकारिता गतिविधियों का विस्तार किया जाये

मनरेगा तालाबों में मछली पालन के विस्तार को बढ़ावा दिया जाये।

मछली पालन में परंपरागत रूप से कार्य कर रहे लोगो को सहकारिता गतिविधियों के अंतर्गत जागरूक किया जाएगा।

देश में जिन भी राज्यों में आधुनिक तरीकों ससे मछली पालन हो रहा है, उन राज्यों में प्रदेश के मछली पालकों के अधिकारियों को  भेजा जाएगा।

जानकारी के अनुसार मनरेगा में बने तालाबों पर भी मछली पालन गतिविधियों का विस्तार किया जा रहा है।

 

विभिन्न विभागों बजट योजनाओं की चर्चा के प्रमुख बिंदु

1. गोबर से सीएनजी उत्पादन के लिए जबलपुर जिले को में स्थापित होगा प्लांट

2. नर्मदा नदी के दोनों और पांच किलोमीटर के क्षेत्रों की पट्टी पर होगी प्राकृतिक खेती.

3. प्राकृतिक खेती के लिए मंत्री परिषद के सभी मंत्री को दिये निर्देश

4. मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा देने पर ध्यान

5. जल्द शुरू होगा फसल पैटर्न में बदलाव का कार्य

6. चारे को काटकर ब्लॉक बनाने की तकनीक के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

7. पराली जलाने की प्रथा पर नियंत्रण के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर बनाए जाएंगे।

8. परंपरागत रूप से मछली पालन का कार्य कर रहे लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा।

9. मालियों की ट्रैनिंग के लिए विशेष व्यवस्था बनाई जायेगी।

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