साइलेज इकाई स्थापना के लिए अनुदान
देश में पशुपालन किसानों की आय का एक महत्वपूर्ण जरिया है, ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन एवं किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए यह क्षेत्र महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
पशु पालन के महत्व को देखते हुए मोदी सरकार द्वारा इस क्षेत्र में कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं।
केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री श्री संजीव बालियान ने नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा युवाओं को स्वरोजगार दिलाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से बताया।
दी जा रही है सब्सिडी
डॉ. संजीव बालियान ने कहा कि हमारा विभाग 50 लाख से अधिक किसानों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार देगा।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत गाय/भैंस/सूअर/मुर्गी/बकरी प्रजनन फार्म और हरा चारा सुरक्षित रखने वाली (साइलेज) इकाइयों को क्रमश: 4 करोड़, 1 करोड़, 60 लाख, 50 लाख रुपये की सब्सिडी देने की योजना है।
कुल राशि में से 50 प्रतिशत सब्सिडी भारत सरकार द्वारा दी जाएगी और इसके अलावा, ऋण राशि पर 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान भी एएचआईडीएफ योजना के तहत लिया जा सकता है।
योजना के तहत मिला रोजगार
केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री ने बताया कि पशुओं के इलाज के लिए 4332 से अधिक चल पशु चिकित्सा इकाई खोलने की व्यवस्था की जा रही है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत देशी गाय की नस्लों के पालन-पोषण को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
कुल 90598 नौकरियों में से, 16000 युवाओं को “मैत्री” योजना के तहत रोजगार मिला है।
देश के युवाओं को मंत्रालय की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए ऑनलाइन सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।
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