सोयाबीन की सरकारी खरीद
आज यानि 25 अक्टूबर से मध्यप्रदेश में सोयाबीन की खरीदी का काम शुरू हो गया है।
जिसको देखते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीद प्रदेश के 1400 केंद्रों पर की जाएगी।
उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सोयाबीन उपार्जन की कार्यवाही संवेदनशीलता से की जाए।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित मात्रा के अतिरिक्त सोयाबीन का उपार्जन प्रदेश सरकार करेगी।
इन 7 जिलों में नहीं होगी सोयाबीन की खरीद
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में 25 सितम्बर से 20 अक्टूबर तक ई-उपार्जन पोर्टल पर किसानों के पंजीयन की कार्रवाई की गई, जिसमें 3 लाख 44 हजार किसानी ने पंजीयन करवाया है।
आवश्यकतानुसार खरीदी केन्द्रों की संख्या में परिवर्तन भी किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि समर्थन मूल्य पर खरीदी गई सोयाबीन का भुगतान किसानों को ऑनलाइन किया जाएगा।
प्रदेश में 7 जिले दतिया, भिंड, कटनी, मंडला, बालाघाट, सीधी एवं सिंगरौली को छोड़कर शेष सभी जगह सोयाबीन का उपार्जन होगा।
इन जिलों से प्रस्ताव आने पर सोयाबीन उपार्जन पर विचार किया जाएगा।
इस भाव पर होगी सोयाबीन की सरकारी खरीद
सोयाबीन की समर्थन मूल्य पर खरीदी की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर 2024 तक है।
केंद्र सरकार द्वारा सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP 4892 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जिस पर ही राज्य में खरीदी की जाएगी।
अधिकारियों को औसत अच्छी गुणवत्ता के सोयाबीन की खरीदी कराने के निर्देश दिए गए हैं।
खरीदी केन्द्रों पर संबंधित अधिकारी और कर्मचारियों को मौजूद रहने के निर्देश दिये गये है, ताकि व्यवस्थित ढंग से सोयाबीन का उपार्जन किया जा सके।
प्रदेश में पहली बार प्राइस सपोर्ट स्कीम (समर्थन मूल्य) के तहत सोयाबीन का उपार्जन किया जा रहा है।
इसके लिए कृषि विभाग नोडल विभाग है एवं मार्कफेड राज्य उपार्जन एजेंसी निर्धारित है।
सोयाबीन की खरीदी के लिये ई-उपार्जन पोर्टल का उपयोग किया जा रहा है।
किसानों को ऑनलाइन ही सोयाबीन की उपज बेचने का भुगतान किया जाएगा।
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