गाय-भैंस के लिए अपने खेत में उगाए यह 5 प्रकार का चारा, कम खर्चे में केतली भर-भर कर देगी दूध

अगर पशुपालक किसान अपने पशुओं के लिए अधिक हरा चारा उगाना चाहते हैं, तो वे ज्वार, मक्का, बाजरा, लोबिया और ग्वार की खेती एक ही खेत में कर सकते हैं। इससे उन्हें अधिक मात्रा में पोषक तत्वों से भरपूर चारा मिलेगा, जिससे उनके पशु स्वस्थ रहेंगे और दुग्ध उत्पादन भी बढ़ेगा।

सालभर चारे की उपलब्धता सुनिश्चित करना सबसे बड़ी चुनौती

पशुपालकों के लिए सालभर हरे चारे की उपलब्धता बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती होती है, क्योंकि पशुओं के अच्छे पोषण के लिए हरा चारा बहुत जरूरी होता है। लेकिन अब इस समस्या का हल निकल आया है। किसान ज्वार, मक्का, बाजरा, लोबिया और ग्वार की मिश्रित खेती कर हरे चारे की कमी को पूरा कर सकते हैं। इन सभी फसलों का चारा पशुओं के लिए बेहद लाभकारी होता है।

कैसे करें मिश्रित चारे की खेती?

अगर पशुपालक अधिक चारा उगाना चाहते हैं, तो वे 2:1 के अनुपात में इन चारे की फसलों की बुवाई कर सकते हैं। चार से पांच प्रकार के चारे को एक साथ बोने से अधिक पोषणयुक्त और बेहतर हरा चारा प्राप्त होता है।

किस मौसम में करें खेती?

  • हरे चारे की खेती किसी भी मौसम में की जा सकती है।
  • समय से पहले या देर से बुवाई करने पर भी अच्छी पैदावार मिलती है।
  • प्रति हेक्टेयर 20-25 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
  • सही बुवाई का तरीका सीड ड्रिल तकनीक है, जिसमें बीज को 20-25 सेमी की दूरी पर कतारों में बोना चाहिए।
  • इस विधि से खेती करने पर किसानों को अधिक मात्रा में हरा चारा मिलता है।

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उर्वरक प्रबंधन

  • बुवाई से पहले 50 किलो नाइट्रोजन, 30 किलो फास्फोरस और 30 किलो पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में डालें।
  • बुवाई के एक महीने बाद 30 किलो नाइट्रोजन खड़ी फसल में कतारों के बीच छिड़कें।
  • कम सिंचाई वाले क्षेत्रों में, अगर बुवाई के 30-35 दिन बाद बारिश होती है, तो 20-30 किलो नाइट्रोजन प्रति हेक्टेयर डालें।

हरे चारे के फायदे

  1. हरा चारा पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जिसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन और खनिज लवण पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं।
  2. प्रोटीन पशुओं को विभिन्न बीमारियों से बचाने में मदद करता है।
  3. हरे चारे में कैरोटीन भरपूर मात्रा में होता है, जो विटामिन A का रूप है और पशुओं में अंधेपन से बचाव करता है।
  4. हरा चारा खिलाने से पशुओं में रक्त संचार बढ़ता है, जिससे उनकी सेहत में सुधार होता है।
  5. यह स्वादिष्ट और सुपाच्य होता है, जिससे पशुओं की पाचन शक्ति बढ़ती है।
  6. हरे चारे के सेवन से पशुओं की त्वचा मुलायम और चमकदार होती है।
  7. दूध देने वाले पशुओं में दूध उत्पादन की मात्रा बढ़ती है।
  8. यह पशुओं की गर्भधारण क्षमता में सुधार करता है।

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