देश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने एवं पशु पालन को लाभकारी बनाने के लिए सरकार ने पशु स्वास्थ्य के लिए कई नई योजनाएँ शुरू की है।
इसमें चलित पशु चिकित्सा इकाई भी शामिल है। जिसका उद्देश्य पशु पालकों को घर बैठे पशु उपचार सुविधा उपलब्ध कराना है।
इसको लेकर मध्य प्रदेश के पशुपालन मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने कहा कि बीमार होने पर मनुष्य तो अस्पताल पहुँच जाता है पर पशु नहीं।
इसलिए प्रदेश में यह व्यवस्था शुरू की जा रही है।
पशु उपचार के लिए एंबुलेंस
राज्य में बीमार पशुओं तक चिकित्सा सुविधा पहुँचाने के लिए भोपाल में 406 पशु चिकित्सा इकाई (पशु एंबुलेंस) तैयार करने की कार्यवाही शुरू की जा चुकी है।
इन पशु ऐंबुलेंस में पशुओं के उपचार के लिए सभी आवश्यक सामग्री उपलब्ध होगी।
उन्होंने बताया कि अप्रैल से यह व्यवस्था शुरू करने के प्रयास किये जा रहे है।
पशु एम्बुलेंस में रहेगी यह सुविधाएँ
राज्य में शुरू की जाने वाली पशु एम्बुलेंस वाहनों में
- जीपीएस,
- माइक,
- माइक्रोस्कोप,
- रक्त जाँच किट,
- बैटरी चलित छोटा फ्रिज,
- दवाइयाँ,
- डिस्पोजेबल,
- सिरिंज,
- ग्लव्ज,
- कृत्रिम गर्भाधान किट और
- छोटे-मोटे ऑपरेशन की सुविधा रहेगी।
गाँव में पहुँचने के बाद यह अस्पताल माइक से ग्रामीणों को अपने पहुँचने की सूचना भी देगा।
प्रति चलित पशु चिकित्सा इकाई में एक-एक पशु चिकित्सक, पैरावेट और वाहन चालक सह सहायक की व्यवस्था रहेगी।
इसके संचालन के लिए कॉल सेंटर की स्थापना भी की जाएगी, जिसमें 5 पशु चिकित्सक और 15 कॉल एक्जिक्यूटिव को आउटसोर्स से नियोजित किया जाएगा।
406 पशु एंबुलेंस होगी तैयार
केन्द्र सरकार से प्रदेश के लिए स्वीकृत 406 पशु एंबुलेंस प्राप्त हो चुकी हैं, जिसे भोपाल में तैयार किया जा रहा है।
पशु पालन मंत्री ने बताया कि जिला पशु कल्याण समिति को पूर्णत: फेब्रिकेटेड वाहन उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान किया गया है।
पशु औषधि, ईधन और रख-रखाव के लिए प्रति वाहन 68 हजार रूपये प्रति माह दिये जाएँगे।
संचालनालय पशुपालन एवं डेयरी, राज्य स्तर पर कॉल सेंटर का संचालन, नियंत्रण और अनुश्रवण करेगा।
गंतव्य तक वाहन को आसानी से पहुँचाने के लिए जीपीएस भी लगाया जा रहा है।
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