हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

मिट्टी की जांच के लिए खेत से कैसे लिया जाता है नमूना

खेती को अधिक लाभदायक बनाने के लिए जमीन को खेती के अनुरूप तैयार करना होता है. मिट्टी अगर सही होती है तो कम जगह में भी खेती करके किसान अधिक उत्पादन हासिल कर सकते हैं और अच्छी कमाई कर सकते हैं. इसके लिए मिट्टी की जांच (कैसे लिया जाता) भी जरूरी होती है.

मॉनसून की शुरुआत के साथ ही देश में खरीफ सीजन की शुरुआत हो चुकी है. किसान खेतों की तैयारी में जुट गए हैं. यह सीजन इसलिए महत्वपू्र्ण होता है क्योंकि इसमें देश की जरूरत का सबसे अधिक खाद्यान्न पैदा होता है. 

बेहतर उत्पादन के लिए मिट्टी की जांच करवाना जरूरी होता है. इससे हम पता लगा सकते हैं कि हमारे खेत की मिट्टी में किन पोषक तत्वों की कमी है.

उसके अनुसार खेत में हम पोषक तत्वों को डाल सकते हैं और अपनी उपज बढ़ा सकते हैं. फसलों की उपज में मिट्टी में मौजूद पोषक तत्व बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

पौधों की बढ़ोतरी के लिए मुख्य रूप से नाइट्रोजन, पोटाश और फॉस्फोरस की जरूरत होती है.

 

6 आसान पॉइंट्स में समझें

खेती को अधिक लाभदायक बनाने के लिए जमीन को खेती के अनुरूप तैयार करना होता है.

मिट्टी अगर सही होती है तो कम जगह में भी खेती करके किसान अधिक उत्पादन हासिल कर सकते हैं और अच्छी कमाई कर सकते हैं.

अधिक उत्पादन पाने के लिए भूमि की क्षमता में सुधार करना जरूरी होता है और इसके लिए मिट्टी का सही होना जरूरी है. मिट्टी की जांच के जरिए हम मिट्टी की उर्वरा शक्ति को जान सकते हैं.

मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्वों के आधार पर उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है. इससे बेहतर परिणाम आते हैं और मिट्टी को किसी प्रकार का नुकसान भी नहीं होता है.

 

इस तरह उठाएं मिट्टी का नमूना

मिट्टी की जांच के लिए मिट्टी खेत से ली जाती है. पर इसका भी एक तरीका होता है. वैज्ञानिक इसी के आधार पर मिट्टी के नमूने खेत से लेने के लिए कहते हैं.

इससे जांच के बेहतर परिणाम आते हैं और मिट्टी के स्वास्थ्य का प्रबंधन अच्छे तरीके से हो सकता है.

इसलिए मिट्टी का नमूना लेने के लिए इन नियमों का पालन करना चाहिए.

  • खेत को मिट्टी के रंग, प्रकार, प्राकृतिक ढलान और गहराई के आधार पर बांटें. 
  • पिछली फसल की कटाई के ठीक बाद या अगली फसल के पहले खेत की मिट्टी का नमूना लेना चाहिए.
  • मिट्टी की ऊपरी सतह से कार्बनिक पदार्थ जैसे लकड़ी की टहनियां और सूखी पत्तियों को हटाकर लगभग 20 सेंटीमीटर लंबा और चौड़ा और 15 सेंटीमीटर गहरा गड्ढा बनाएं. इसके ऊपरी परत की मिट्टी को बाहर करने के बाद फिर 15 सेंटीमीटर की मिट्टी काट लें और उसे जमा करें.
  • किसी उपकरण की मदद से 15 सेंटीमीटर गहराई से मिट्टी का नमूना निकालें.
  • एक खेत में 8 से 10 जगहों से इसी प्रक्रिया के तहत मिट्टी जमा करें और उसे इकट्ठा कर लें.
  • किसी पुराने अखबार या साफ कपड़े पर रखकर सभी जमा किए गए मिट्टी के नमूनों को अच्छे से मिला दें. इसके बाद इसे चार भागों में बांटें और लैब में जांच के लिए भेज दें.

यह भी पढ़े : मुर्गी, भेड़, बकरी और सुकर पालन के लिए मिलेगा बैंक लोन और अनुदान