किसान सलाहकार पीयूष सिंह बताते हैं कि खेतों में रासायनिक खादों के इस्तेमाल से फसल पर भी असर होता है और मिट्टी की उर्वरक क्षमता पर भी. ऐसे में किसान जैविक खाद से मिट्टी की उर्वरक क्षमता भी बढ़ा सकते हैं.
किसानो के लिए काम की खबर
किसानों की फसल अच्छी हो इसके लिए मिट्टी, सिंचाई, जलवायु… काफी कुछ मायने रखता है. इतना ही मायने रखता है फसल के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला खाद या उर्वरक.
सामान्यत: किसान रासायनिक उर्वरक का इस्तेमाल धड़ल्ले से करते हैं, लेकिन रासायकिन उर्वरक के कुछ हानिकारक प्रभाव भी होते हैं.
ऐसे में कृषि वैज्ञानिक जैविक खाद के इस्तेमाल पर जोर देते हैं.
रासायनिक उर्वरक के लिए किसानों को पैसे खर्च करने होते हैं, जबकि जैविक खाद किफायती होते हैं.
इसे आप खुद भी तैयार कर सकते हैं. खेतों की मिट्टी के लिए जैविक खाद नुकसानदायक भी नहीं होते हैं. इसके लिए आपको बहुत कुछ चाहिए भी नहीं होता है.
देसी गाय, भैंस के गोबर वगैरह से बनाया जा सकता है.
जैविक खाद बनाने के लिए सामग्री
- गाय, भैंस का गोबर
- गोमूत्र
- गुड़
- मिट्टी
- बेकार या सड़े दाल वगैरह
- लकड़ी का बुरादा
कैसे तैयार करें जैविक खाद ?
- एक प्लास्टिक का ड्रम लें, उसमें देसी गाय, भैंस वगैरह का गोबर डालें.
- अब इसमें गोमूत्र मिला लें और फिर इसमें इस्तेमाल में न आने वाले गुड़ को डालें.
- इसमें पिसी हुई दालों और लकड़ी का बुरादा डालकर मिला दें.
- …..और फिर इस मिश्रण को 1 किलो मिट्टी में सान लें.
जैविक खाद बनाने के लिए सामग्रियों का सही मात्रा में मिश्रण करना बहुत जरूरी है.
कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि खाद बनाने के लिए 10 किलो गोबर, 10 लीटर गोमूत्र, एक किलो चोकर, एक किलो गुड़ मिलाकर मिश्रण तैयार करना चाहिए.
सारी सामग्रियों को आप हाथ से भी मिला सकते हैं या फिर किसी लकड़ी के डंडे वगैरह की मदद ले सकते हैं.
मिश्रण ठीक से बन जाए तो फिर इसमें एक से दो लीटर पानी और डाल दें. अब इस मिश्रण को 20 दिनों तक ढक कर रख दें.
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
- ध्यान रखना है कि इस ड्रम पर धूप न पड़े. इसे छाया में रखें.
- बढ़िया खाद पाने के लिए इस घोल को हर दिन एक बार जरूर हिलाते-मिलाते रहें.
- 20 दिन बाद यह जैविका खाद बन कर तैयार हो जाएगी.
खाद में पाए जाने वाले सूक्ष्म जीवाणु बहुत फायदेमंद
इस तरह तैयार में सूक्ष्म जीवाणु भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो खेतों की मिट्टी की सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं.
इस जैविक खाद से ना केवल फसल जल्दी विकसित होती है बल्कि फसल की जड़ों को भरपूर मात्रा में आयरन भी मिलता है.
यह पौधे की जड़ों को नाइट्रोजन भी प्रदान करता है. इसके अलावा पौधे की जड़ों में कैल्शियम की सही मात्रा भी सुनिश्चित करता है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
बिहार के भागलपुर जिले में किसान सलाहकार पीयूष सिंह बताते हैं कि फसल की अच्छी पैदावार के लिए किसान तरह-तरह के रसायनिक खाद का इस्तेमाल करते हैं.
खेतों में रासायनिक खादों के इस्तेमाल से फसल पर भी असर होता है और मिट्टी की उर्वरक क्षमता पर भी असर पड़ता है.
ऐसे में किसान जैविक खाद का इस्तेमाल कर मिट्टी की उर्वरक क्षमता भी बढ़ा सकते हैं और अपनी फसल की पैदावार भी बढ़ा सकते हैं.