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मालाबार नीम को खेत की ब्राउंड्री पर लगा दें तो होगी बंपर कमाई

मालाबार नीम की लकड़ी में दीमक नहीं लगता, जिससे इसकी लकड़ी से बना फर्नीचर भी डिमांड में रहता है, यह पेड़ खेत की बाउंड्री पर लगाएं.

 

बंपर कमाई

पिछले कुछ दशकों में खेती का स्वरूप बिल्कुल ही बदल गया है.

आज मल्टीटास्किंग खेती की बात होती है. फसल उत्पादन के साथ-साथ पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और पेड़ की खेती करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.

अंतरवर्तीय और मिश्रित खेती को भी खासतौर पर बढ़ावा मिल रहा है, जिससे किसानों को कम समय में अच्छी आमदनी हो जाती है.

मल्टी टास्किंग फार्मिंग पर फोकस करने से फसल उत्पादन की लागत कम होती ही है, खाद, बीज, उर्वरक और कीटनाशक का खर्चा भी कम हो जाता है.

आज दुनियाभर के किसान इसी मॉडल पर काम कर रहे हैं. भारतीय किसानों को भी इस मॉडल से जुड़ने के लिए सरकार आर्थिक और तकनीकी मदद दे रही है.

 

मालाबार नीम की खेती

आपको बता दें कि मालाबार नीम की लकड़ी में दीमक लगने की संभावना नहीं रहती है.

यही वजह है कि इससे बने फर्नीचर कि देश और दुनिया में काफी डिमांड है.

यदि किसान पूरी तरह पेड़ों की खेती नहीं करना चाहते तो खेत की बाउंड्री पर भी मालाबार नीम के पौधे लगाकर छोटी शुरुआत कर सकते हैं, जिससे कुछ साल में बड़ा मुनाफा मिल सकता है.

 

किस काम आती है मालाबार नीम की लकड़ी

  • आपको बता दें मालाबार नीम की लकड़ी का इस्तेमाल कृषि उपकरण, भवन निर्माण, पेंसिल, माचिस की डिब्बी, संगीत वाद्ययंत्र, चाय की पेटी, फलों की पेटी, कुर्सी, अलमारी, सोफा, पलंग, चौकी जैसे फर्नीचरों को बनाने में किया जाता है.
  • मालाबार नीम का पेड़ कुछ ही साल में 8 फीट की ऊंचाई पकड़ लेता है. अच्छी बात यह है कि इसकी खेती में खाद और उर्वरकों का कोई खर्चा ही नहीं आता.
  • दीमक जैसे रोगों का खतरा नहीं रहता तो कीटनाशक की लागत भी बढ़ जाती है.
  • यदि 1 एकड़ में मालाबार नीम की खेती की जाए तो कुछ ही समय में इसकी लकड़ी को बेच कर 2 से 2.5 लाख रुपये की आमदनी अर्जित कर सकते हैं.
  • मालाबार नीम की खेती को आप फिक्स्ड डिपॉजिट की समझ लीजिए.

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