हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

कर्ज लेने वाले किसानों के लिए महत्वपूर्ण सूचना

ब्याज सबवेंशन योजना

 

सस्ती दर पर कृषि ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, भारत सरकार का कृषि और किसान कल्याण विभाग एक ब्याज सबवेंशन योजना लागू कर रहा है, जिसके तहत 7%  प्रति वर्ष पर 3.00 लाख रुपये तक के अल्पकालिक फसल ऋण प्रदान किए जाते हैं।

 साथ ही, समय पर पुनर्भुगतान करने वाले किसानों को 3% प्रति वर्ष का अतिरिक्त ब्याज सबवेंशन प्रदान किया जाता है, जिससे प्रभावी ब्याज दर 4% प्रति वर्ष हो जाती है।

यह सुविधा पशुपालन और मत्स्य पालन में लगे किसानों को 2 लाख रुपये तक के कार्यशील पूंजी ऋण पर भी उपलब्ध है। 

भारत सरकार/आरबीआई ने अन्य बातों के साथ-साथ किसानों के कल्याण और उनके कर्ज के बोझ को कम करने के लिए ये प्रमुख पहल की हैं।

 

1.6 लाख रुपयेबिना कोलैटरल कृषि ऋण की सीमा 

औपचारिक ऋण प्रणाली में छोटे और सीमांत किसानों के कवरेज को बढ़ाने के लिए, आरबीआई ने संपार्श्विक-मुक्त (बिना कोलैटरल) कृषि ऋण की सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.6 लाख रुपये करने का निर्णय लिया है।

किसानों द्वारा संकटग्रस्त बिक्री को हतोत्साहित करने और उन्हें अपनी उपज को गोदाम में स्टोर करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) रखने वाले छोटे और सीमांत किसानों को फसल की कटाई के बाद छह महीने की और अवधि के लिए ब्याज सबवेंशन का लाभ उपलब्ध है।

इसका लाभ वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट रेगुलेटरी अथॉरिटी (डब्ल्यूडीआरए) से मान्यता प्राप्त वेयरहाउस में स्टोर किए गए उत्पाद पर परक्राम्य वेयरहाउस रसीदों पर कृषि ऋण पर उपलब्ध दर पर लिया जा सकता है।

 

प्राकृतिक आपदा

ब्याज सबवेंशन योजना के तहत, ‘प्राकृतिक आपदाओं’ से प्रभावित किसानों को राहत प्रदान करने के लिए, पुनर्गठित ऋण राशि पर बैंकों को पहले वर्ष के लिए 2% प्रति वर्ष का ब्याज सबवेंशन उपलब्ध है।

इस तरह के पुनर्रचित ऋण पर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित मौजूदा नीति के अनुसार दूसरे वर्ष से सामान्य ब्याज दर लागू होती है।

 

गंभीरप्राकृतिक आपदा

‘गंभीर प्राकृतिक आपदाओं’ से प्रभावित किसानों को राहत प्रदान करने के लिए, पुनर्गठित ऋण राशि पर बैंकों को पहले तीन वर्षों/पूरी अवधि (अधिकतम पांच वर्षों के अधीन) के लिए 2% प्रतिवर्ष की ब्याज सहायता उपलब्ध है।

इसके अलावा, ऐसे सभी मामलों में प्रभावित किसानों को 3% प्रति वर्ष की दर से शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन का लाभ भी प्रदान किया जाएगा।

छोटे, सीमांत, काश्तकार किसानों, मौखिक पट्टेदारों आदि को संस्थागत ऋण के दायरे में लाने के लिए बैंकों द्वारा संयुक्त देयता समूहों (जेएलजी) को बढ़ावा दिया गया है।

 

प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान)

प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना सभी किसानों को एक सुनिश्चित आय सहायता प्रदान करने के लिए लागू की गई है।

इस योजना के तहत 6,000 रुपये प्रति वर्ष की दर से सहायता सीधे लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में, 2,000 रुपये की तीन समान किश्तों में ट्रान्सफर की जा रही है।

यह भी पढ़े : राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन अंतर्गत सिंचाई उपकरणों हेतु आवेदन करे

 

यह भी पढ़े : सोयाबीन की फसल में तनाछेदक किट नियंत्रण कैसे करें?

 

शेयर करे