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किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में सरकार का महत्वपूर्ण कदम

एमएसपी में हुई 500 रुपए तक की बढ़ोतरी

 

केंद्र की मोदी सरकार की ओर से किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।

सरकार ने रबी विपणन वर्ष 2023-24 के लिए रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर दिया है।

इस बार रबी फसलों के एमएसपी में 500 रुपए तक की बढ़ोतरी की गई है। रबी फसलाें के तहत सबसे अधिक बढ़ोतरी मसूर में की गई है।

इसके अलावा अन्य रबी फसलों के मूल्य में भी बढ़ोतरी की गई है।

यह बढ़ोतरी रबी की प्रमुख 6 फसलों के लिए की गई है जिसमें गेहूं, जौ, चना, मसूर, रेपसीड/सरसों और कुसुम है।

केंद्र सरकार की ओर से की गई बढ़ोतरी से किसानों को लाभ होगा।

उन्हें अब अपनी फसल का पहले से अधिक मूल्य मिल सकेगा। इससे किसानों की आय में बढ़ाेतरी होगी।

 

केंद्र सरकार ने दी नए एमएसपी को मंजूरी

केंद्र सरकार ने रबी फसलो के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की है।

इसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने विपणन सीजन 2023-24 के लिए सभी 6 रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दे दी है।

सरकार की ओर से सभी रबी फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी की गई है ताकि किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिल सके।

रबी फसलों में की गई बढ़ोतरी के तहत मसूर के लिए 500 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ाेतरी और सफेद सरसों व सरसों के लिए 400 रुपए प्रति क्विंटल एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि को मंजूरी दी गई है।

कुसुम के लिए 209 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि को मंजूरी दी गई है।

गेहूं, चना और जौ के लिए क्रमशः 110 रुपए प्रति क्विंटल और 100 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ाेतरी को मंजूरी दी गई है।

 

2023-24 के लिए नया एमएसपी रेट

केंद्रीय कैबिनेट की ओर से रबी फसलों की एमएसपी में बढ़ोतरी के बाद अब गेहूं सहित रबी सीजन की 6 फसलों का एमएसपी बढ़ गया है जो इसप्रकार से है-

क्र. सं.  फसलें  एमएसपी 2023-24  एमएसपी 2022-23 बढ़ोतरी/प्रति क्विंटल
1. गेहूं 2125 रुपए 2015 रुपए   110 रुपए 
2. जौ 1735 रुपए    1635 रुपए  100 रुपए
3. चना 3335 रुपए  3230 रुपए 105 रुपए
4. मसूर 6000 रुपए   5500 रुपए 500 रुपए
5. रेपसीड और सरसों 5450 रुपए 5050 रुपए  400 रुपए    
6. कुसुम 5650 रुपए      5441 रुपए 209 रुपए

 

क्या होता है एमएसपी

एमएसपी यानि न्यूनतम समर्थन मूल्य वह मूल्य होता है जो सरकार की ओर से हर रबी और खरीफ विपणन वर्ष के लिए तय किया जाता है।

इसकी घोषणाा सरकार की ओर से की जाती है। यह वह मूल्य होता है जिस मूल्य पर सरकार किसानों से फसलों की खरीद करती है।

साधारण भाषा में समझा जाए तो सरकार किसानों की फसलाें का एक निश्चित मूल्य निर्धारित कर देती है और उसी रेट पर फसलों की खरीद सरकारी मंडियों में की जाती है।

ये मूल्य पूरे देश में एक समान रूप से लागू होता है। हालांकि बाजार में फसलों के मूल्य घटते-बढ़ते रहते हैं।

ये किसान पर निर्भर करता है कि वह एमएसपी पर फसल बेचे या खुले बाजार में अपनी फसल बेचे। इसके लिए वे स्वतंत्र है।

 

सरकार किन फसलों का तय करती है एमएसपी

केंद्र सरकार हर साल रबी और खरीफ की कुल 23 फसलों का एमएसपी तय करती है।

इसमें धान, गेहूं, मक्का, जौ, बाजरा, चना, तुअर (अरहर), मूंग, उड़द, मसूर, सरसों, सोयाबीन, सूरजमूखी, गन्ना, कपास, जूट आदि फसलों को शामिल किया गया है।

इसमें एमएसपी के लिए अनाज की 7, दलहन की 5, तिलहन की 7 और 4 कमर्शियल फसलों को शामिल किया गया है।

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