प्रदेश की 259 कृषि उपज मंडियों में इंदौर में रिकॉर्ड स्तर पर सब्जी व अनाज की खरीदी हुई है।
इससे इस वित्तीय वर्ष में इंदौर मंडी समिति को ऐतिहासिक 73.50 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति हुई है,
जो प्रदेश में सर्वाधिक मंडी शुल्क माना जा रहा है।
73 करोड़ की ऐतिहासिक राजस्व वसूली
इंदौर की चोइथराम मंडी, छावनी अनाज मंडी और लक्ष्मीबाई नगर अनाज मंडी में पूरे प्रदेश में 2 सालों से ऐतिहासिक आवक रही।
कृषि मंडी समिति के अनुसार इस वर्ष मंडी में गेहूं, चना, सोयाबीन के साथ प्याज, आलू, लहसुन आदि की भरपूर आवक रही और 2 करोड़ 5 लाख क्विंटल उपज की खरीदी समिति द्वारा की गई।
इसमें पिछले साल के मुकाबले 10 करोड़ रुपए ज्यादा का राजस्व प्राप्त हुआ,
जो अब तक प्रदेश की सभी मंडियों में मिलने वाले राजस्व में सबसे ज्यादा है।
राजस्व में पिछले वर्ष के मुकाबले करीब 15 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई है।
इस तरह बढ़ा राजस्व
वर्ष 2020-21 | 40 करोड़ |
2021-22 | 63.50 करोड़ |
2022-23 | 73.50 करोड़ |
अन्य प्रदेशों के किसान-व्यापारियों की पसंद
कृषि मंडी समिति सचिव नरेश परमार के अनुसार चोइथराम स्थित सब्जी मंडी में सर्वाधिक 90 लाख क्विंटल प्याज की आवक होती है।
इसके साथ ही लहसुन 18 से 20 लाख क्विंटल, आलू की 8 से 10 लाख क्विंटल की आवक रहती है, यानी इंदौर सब्जी मंडी में प्याज की सर्वाधिक आवक होती है।
मंडी समिति को इस वर्ष 22 करोड़ रुपए का राजस्व मिला है। इसमें सब्जियों की भरपूर आवक भी शामिल है।
इसके साथ ही छावनी और लक्ष्मीबाई नगर मंडी में गेहूं, चना आदि अनाज की आवक है।
समिति को यहां इस वित्तीय वर्ष में करीब 20 करोड़ रुपए का राजस्व मिला है।
साथ ही सब्जियों-फल में राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के प्रदेशों से भी आवक होती है।
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