किसान क्रेडिट कार्ड योजना
केंद्र सरकार की ओर से किसानों के लिए कई प्रकार की लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इससे किसानों को काफी लाभ मिल रहा हैं।
इन्हीं योजनाओं में एक किसान क्रेडिट कार्ड योजना है। किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत किसानों के क्रेडिट कार्ड बनाए जाते हैं।
जिस किसान के पास ये क्रेडिट कार्ड होता है उसे बैंक के माध्यम से सस्ता ऋण उपलब्ध हो जाता है।
बता दें कि किसान क्रेडिट कार्ड किसानों के लिए बेहद फायदेमंद हैं। हर किसान को इसे बनवाना चाहिए ताकि उसे बैंक से सस्ता लोन मिल सकें।
इस योजना की खास बात ये हैं कि इसमें यदि किसान समय पर लोन चुका देता है तो उसे आगे ऋण लेने पर ब्याज में छूट का फायदा दिया जाता है।
इससे उसे बहुत ही कम ब्याज दर पर ऋण मिल जाता है।
क्या है किसान क्रेडिट कार्ड योजना
देश के किसानों को खेती करने के लिए आर्थिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़े और उन्हें सही समय पर खेती करने के लिए पैसे मिल जाएं, इसके लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत की गई थी।
इस योजना को शुभारंभ अगस्त 1998 में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा द्वारा किया गया था।
इससे किसानों को कर्जा मिल रहा है उसकी ब्याज दर कम होती है जिससे किसान आसानी से ऋण ले सकता है।
इसमें किसान को 50 हजार से लेकर 3 लाख रुपए तक का कर्ज दिया जाता है।
इसके अलावा इस किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये किसान अपनी फसल का बीमा भी करवा सकते हैं।
KCC पर ऋण लेने पर कितना लगता है ब्याज
किसान क्रेडिट कार्ड के तहत 3 लाख रुपए तक का कर्ज सिर्फ 7 फीसदी ब्याज पर मिलता है।
यदि आप समय पर पैसा लौटा देते हैं तो ब्याज में 3 फीसदी की छूट मिलती है।
इस तरह ईमानदार किसानों को 4 फीसदी ब्याज पर ही ऋण उपलब्ध हो रहा है।
ब्याज पर सब्सिडी पाने के लिए खाता अपडेट करना है जरूरी
किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत केसीसी कार्ड धारकों को समय-समय पर अपना खाता का नवीनीकरण करवाना पड़ता है।
जो किसान इसे नहीं करा पाते हैं उन्हें सब्सिडी का फायदा नहीं मिल पाता है और कई ऐसे बैंक है जो लोन के ब्याज साथ पेनल्टी भी लगाते हैं।
उस केसीसी के खाते पर ब्याज दर सात फीसदी के बजाय 9 फीसदी तक लग जाता है। इतना नहीं प्रतिवर्ष यह ब्याज दर बढ़ती रहती है।
कुछ मामलों और बैंकों में तीन वर्ष बाद ब्याज दर 14 फीसदी तक पहुंच जाता है।
यदि आपने भी केसीसी से ऋण लिया है तो समय-समय पर खाता जरूर अपडेट कराएं ताकि आपको कम ब्याज पर लोन मिल सके।
किसानों को केसीसी से कैसे मिलेगा 4 प्रतिशत ब्याज पर ऋण
किसान क्रेडिट कार्ड पर एक रुपए से लेकर तीन लाख रुपए तक कार्ड धारकों को 7 फीसदी की दर से ब्याज देना पड़ता है।
यह ब्याज छह माही आधार पर (31 मई और 30 नवंबर को ) लगता है।
इसके अलावा केसीसी कार्ड धारक को एक वर्ष के भीतर अपने खाते का नवीनीकरण करवाना चाहिए।
नवीनीकरण कराने पर सब्सिडी के तौर पर तीन फीसदी ब्याज वापस मिल जाता है।
इस तरह से जो किसान सही समय पर अपना लोन भरते हैं उन्हें चार प्रतिशत की दर से लोन मिलता है।
ऐसे समझें, केसीसी लोन चुकाने का गणित
माना किसी किसान ने 3 लाख रुपए का केसीसी लोन लिया और वह उसका तीन वर्ष तक समय पर नवीनीकरण कराता रहा तो उसने 4 वर्ष में कुल ब्याज 12000x 4= 48000 रुपए का ब्याज भरता है, वहीं अगर कोई किसान लोन माफी के इंतजार में चार वर्षो तक एक रुपया भी नहीं भरता है तो उसका पहले वर्ष का ब्याज 3 लाख का 7 प्रतिशत 21000 रुपए होगा।
जिसका (एक वर्ष बाद कुल मूलधन 321000) होगा। दूसरे वर्ष 9 फीसदी की दर से ब्याज लगेगा।
इसका मतलब 321000 का 9 प्रतिशत दूसरे साल 28890 होगा। इस तरीके से दूसरे वर्ष के बाद कुल मूलधन 349890 हो जाएगा।
तीसरे वर्ष दूसरे वर्ष के मूलधन में ब्याज लगेगा। तीसरे वर्ष 11 प्रतिशत लगेगा। इस तरह से 349890 का 11 प्रतिशत से ब्याज 38487 हो जाएगा।
इस तरह से तीसरे वर्ष के बाद कुल मूलधन 388377 होगा। चौथे वर्ष तीसरे वर्ष के मूलधन पर 14 प्रतिशत का ब्याज लगेगा।
इस तरह से चौथे वर्ष का ब्याज 87472 हो जाएगा। और मूलधन 475849 हो जाएगा।
यानि 3 लाख रुपए का कर्ज चार साल में बढक़र 475849 रुपए हो गया है। जिसमें 175849 रुपए ब्याज का देना होगा और मूल रकम 3 लाख रुपए भी चुकाना होगा।
इस तरह समय पर लोन नहीं चुकाने पर आपको इतना नुकसान उठाना पड़ सकता है।
समय पर केसीसी लोन चुकाने से क्या होगा फायदा
यदि जिस किसान ने समय पर लोन का भुगतान किया उसे ब्याज के रूप में 48 हजार रुपए भरना पड़ा।
जबकि दूसरी ओर जिस किसान ने समय पर भुगतान नहीं किया गया उसे ब्याज के तौर पर 175849 रुपए ब्याज भरना पड़ा।
वहीं अगर इस रकम में बैंक द्वारा लिए जाने वाले दूसरे चार्ज जोड़ दिए जाए तो रकम 250000 के करीब हो जाती है।
इसके अलावा आपका सिबिल स्कोर भी खराब हो सकता है। जिसके चलते आगे आपको बैंक से लोन लेने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
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