किसानों को होगा लाभ
फसल बीमा औऱ खसरा में आधार नंबर के जुड़ने से किसानों को खेती-बाड़ी में होने वाले फर्जीवाड़े से राहत मिलेगी, साथ ही कर्ज और मुआवजे की सभी जानकारियाँ ऑनलाइन दर्ज होंगी.
मध्य प्रदेश सरकार ने खेतीबाड़ी में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए एक ख़ास तरह की योजना बनाई है. जिससे अब किसानों को सीधा लाभ मिलेगा.
बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार ने फसल बीमा और खसरे में आधार कार्ड नम्बर दर्ज करवाने की अनिवार्यता कर दी है.
इसके तहत खेती पर कर्ज और मुआवजे की सही जानकारी ऑनलाइन दर्ज की जाएगी.
सरकार इस योजना की शुरुआत लैंड डिजिटाइजेशन के तहत करने जा रही है.
जिससे अब कर्ज और मुआवजा लेने वाले कार्यों में होने वाली गड़बड़ी को आसानी से रोका जा सकेगा.
सरकार ने क्यों उठाया कदम
दरअसल ऐसा देखा गया है कि किसान सरकारी योजनाओं का ज्यादा लाभ उठाने के लिए फर्जी तरीका अपनाते हैं.
किसान एक ही खेत पर कई बार कर्ज और मुआवजा लेते हैं, जिस वजह से किसानों द्वारा कर्ज का निपटारा समय पर नहीं होता है और उनकी जमीन जब्त हो जाती है, इसलिए राज्य सरकार द्वारा यह ख़ास योजना शुरू की जा रही है.
आधार नंबर दर्ज होने से लाभ
- खसरा किस किसान के नाम है इस बात की सही जानकारी ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त होगी.
- कर्ज और मुआवजे का सही रिकॉर्ड दर्ज होगा.
- किसानों द्वारा 2 बार कर्ज की जानकारी तुरंत प्राप्त होगी.
- एक ही आधार पर दो बार कर्ज लेने की गड़बड़ी का पता आसानी से चल सकेगा.
- इस योजना से त्वरित चेकिंग सिस्टम की सुविधा मिलेगी.
- आधार नम्बर दर्ज होने से खेत मालिक के नाम का पता चल सकेगा.
लैंड डिजिटाइजेशन पर करीब 80 प्रतिशत कार्य पूरा हुआ
प्रदेश में यह योजना की शुरुआत लैंड डिजिटाइजेशन के तहत की जा रही है.
इस योजना पर काम राजस्व विभाग और कृषि विभाग दोनों मिलकर करेंगे, साथ ही राजस्व विभाग की तरफ से लैंड डिजिटाइजेशन पर करीब 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. विभाग की तरफ से इसे अपग्रेड करने की तैयारी चल रही है.
source : krishijagranhindi
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