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फरवरी माह में खेती में रखें इन बातों का ध्यान

 

बढ़ेगा फसल का उत्पादन

 

एक तरफ़ फरवरी माह सब्जियों की बुवाई के लिए अधिक उत्तम माना जाता है, तो वहीं दूसरी तरफ फरवरी महीने में जलवायु परिवर्तन की वजह से कई तरह के रोग व कीट लगने की संभावना बढ़ जाती है.

ऐसे में किसानों को उनकी फसल को रोग व कीट के खतरे से बचाने के लिए आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने जरुरी सलाह दी है.

 

कृषि वैज्ञनिकों का कहना है कि मौसम में होता बदलाव फसलों के उत्पादन पर अपना प्रभाव छोड़ सकता है.

ऐसे में फसलों में रोग और कीट के प्रकोप से उत्पादन क्षमता कम हो सकती है, इसलिए फसलों पर विशेष ध्यान देना जरुरी है.

 

फसलों में रोग और कीट के लिए सलाह

वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले समय में बारिश की सम्भावना बढ़ सकती है, तो ऐसे में जिनके खेत में फसलें खड़ी हैं, वो किसान किसी भी प्रकार छिड़काव ना करें. इसके साथ ही सिंचाई भी ना करें.

गेहूं में रतुआ रोग का खतरा

इस मौसम में गेहूं की फसल में पीला रतुआ रोग का खतरा बना रहता है.

तो ऐसे में फसल पर विशेष निगरानी बनाए रखें, साथ ही पीला रतुआ रोग होने पर फसल में डाइथेन एम-45 को 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी का छिड़काव करें.

 

चने में फली छेदक रोग का खतरा

वहीँ, इस मौसम में चने की फसल में फली छेदक कीट का प्रकोप भी बढ़ने की सम्भावना रहती है.

इन कीटों से बचाव के लिए फसल में 3-4 फेरोमॉन ट्रैप प्रति एकड़ उन खेतों में लगाएं, जहां पौधों में 40-45% फूल खिल गये हों.

इसके अलावा खेत में “T” अक्षर आकार के पक्षी बसेरा खेत के विभिन्न जगहों पर लगाएं.

 

आलू में पछेती झुलसा रोग होने पर

इन दिनों आलू में पछेती झुलसा रोग होने का खतरा भी रहता है.

ऐसे में शुरूआती लक्षण दिखाई देने पर फसल में 2 ग्राम केप्टान प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़क दें.

 

बुवाई के लिए सलाह

भिन्डी की किस्मों का चयन

जैसा कि हमने ऊपर अपने लेख में बताया है कि फरवरी महीना सब्जियों की बुवाई के लिए उत्तम होता है.

इसलिए इस बात को ध्यान में रखते हुए वैज्ञनिकों ने सलाह दी है कि किसान भाई इन दिनों खेत में भिन्डी की अगेती बुवाई कर सकते हैं.

भिंडी की अगेती बुवाई के लिए ए-4, परबनी क्रांति, अर्का अनामिका आदि  किस्में उत्तम है.

इनकी बुवाई के लिए खेतों को पलेवा कर देसी खाद डालकर तैयार करें.

कद्दुवर्गीय सब्जियां उगाएं

वहीँ, किसानों को सलाह दी गई है कि कद्दूवर्गीय सब्जियों में मिर्च, टमाटर, बैंगन आदि की बुवाई कर सकते है.

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