किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों और तकनीकों को मिलेगा लाभ
कृषि मंत्री कंषाना ने बताया कि एमपी के सभी संभागों में किसान मेलों का आयोजन किया जाएगा।
मेले में प्रदर्शनी के माध्यम से भी किसानों को कृषि तकनीकों और कृषि उपकरणों की जानकारी दी जायेगी। पहला किसान मेला 3 मई को मंदसौर जिले में आयोजित होगा।
देश में किसानों को खेती-किसानी की नई तकनीकों से अवगत कराने के साथ ही सरकारी योजनाओं की जानकारी देने के लिए सरकार द्वारा किसान मेलों का आयोजन किया जाता है।
इस कड़ी में मध्य प्रदेश के सभी संभागों में किसान मेलों का आयोजन किया जाएगा।
एमपी के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंषाना ने जानकारी देते हुए बताया कि उज्जैन संभाग में 3 मई को मंदसौर में पहला किसान मेला आयोजित किया जाएगा।
कृषि मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के सभी संभागों में किसान मेलों का आयोजन करने का निर्णय लिया है।
इन मेलों में किसानों को कृषि, खाद्य प्र-संस्करण, उद्यानिकी और पशुपालन से संबंधित नवीनतम जानकारी दी जायेगी।
साथ ही सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी के साथ किसानों की समस्याओं का समाधान भी किया जाएगा।
मेले में प्रदर्शनी के माध्यम से भी किसानों को कृषि तकनीकों और कृषि उपकरणों की जानकारी दी जायेगी।
एक साल में लगाए जाएंगे 10 लाख सोलर पम्प
कृषि मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि अक्टूबर में एक राज्य स्तरीय किसान मेला भी आयोजित किया जाएगा।
इसके अलावा राज्य सरकार ने एक साल में 10 लाख सोलर पंप लगाने का लक्ष्य रखा है, जिससे किसानों को ऊर्जादाता बनने में मदद मिलेगी।
सरकार ने इसके लिए अभियान शुरू कर किसानों से आवेदन आमंत्रित किए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत 2047 के विजन के अनुरूप राज्य सरकार ने गरीब, युवा, अन्नदाता किसान और नारी कल्याण के लिए मिशन शुरू कर दिया है।
मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश कृषक कल्याण मिशन को सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी गई है।
किसानों को एक जगह पर मिलेगा योजनाओं का लाभ
कृषि मंत्री ने कहा कि “मध्य प्रदेश कृषक कल्याण मिशन” के तहत अब किसानों को कृषि से संबद्ध विभागों की सभी योजनाओं का लाभ एक मंच पर मिलेगा।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश कृषि आधारित राज्य है और इस क्षेत्र में यहां अपार संभावनाएं हैं।
किसानों की आय, कृषि उत्पादन, पशुपालन, मत्स्य पालन में वृद्धि के साथ खाद्य प्र-संस्करण और कृषि से उत्पादित कच्चे माल पर आधारित औद्योगिक इकाई स्थापित करने जैसे हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं।
किसानों और गौ-पालकों की आय बढ़ाने के साथ कुपोषण दूर करने की दिशा में सरकार योजनाबद्ध तरीके से पूरी ऊर्जा के साथ कार्य कर रही है।
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