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पशु पालन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड पर मिल रहा है 2 लाख रुपए का लोन

देश में किसानों को कृषि क्षेत्र में निवेश के लिए किसान क्रेडिट कार्ड पर बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जाता है,

जिसमें समय पर चुकता करने वाले किसानों को बैंक द्वारा लिए गए इस ऋण के ब्याज पर केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाती है।

इसमें कुछ राज्य सरकारें राज्य के किसानों को सहकारी बैंक से लिए गए ऋण पर अतिरिक्त सब्सिडी देती है जिससे किसानों को यह ऋण बिना किसी ब्याज के प्राप्त हो जाता है। 

 

पशु पालन हेतु किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन

इस कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों से पशुपालन के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर 2 लाख रूपये तक कार्यशील पूँजी केसीसी में उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

इसमें राज्य सरकार द्वारा 01 प्रतिशत सामान्य और समय पर भुगतान करने पर 04 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज अनुदान सहायता दी जा रही है।

जिससे किसानों को इस ऋण पर कोई ब्याज नहीं लगता है।

 

पशु पालन के लिए किसान ले सकते हैं 3 लाख रुपए तक का लोन

मध्यप्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा पशुपालन और मत्स्य व्यवसायिक किसानों की कार्यशील पूँजी आवश्यकताओं के लिए किसान क्रेडिट कार्ड सुविधा का विस्तार करने का निर्णय लिया गया है।

वर्तमान किसान क्रेडिट कार्ड धारकों को पशुपालन की गतिविधियों शामिल करते हुए 3 लाख रूपये और नवीन किसान क्रेडिट धारकों को 2 लाख रूपये की क्रेडिट लिमिट दी जा रही है।

केन्द्रीय पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन मंत्रालय के निर्देशानुसार सभी क्रेडिट कार्ड धारकों को 2 प्रतिशत वार्षिक ब्याज अनुदान और समय पर भुगतान करने पर 3 प्रतिशत का अतिरिक्त ब्याज अनुदान दिया जायेगा।

पशुपालन मंत्री ने बताया कि मार्च 2023 तक देश में सर्वाधिक 2 लाख 36 हजार 331 किसान क्रेडिट कार्ड मध्यप्रदेश के पशुपालकों को उपलब्ध करवाये गये।

 

किस ब्याज दर पर किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन मिलता है?

किसानों को कृषि, मत्स्य, पशुपालन, पोल्ट्री तथा अन्य कार्यों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड से ऋण उपलब्ध कराया जाता है।

किसानों को वैसे तो यह ऋण 9 प्रतिशत की ब्याज दर पर 3 लाख रूपये तक का लोन एक वर्ष के लिए दिया जाता है।

जिस पर केंद्र सरकार ब्याज में 2 प्रतिशत की छूट देती है। इसके बाद किसान यदि एक वर्ष में यह ऋण लौटा देते हैं तो उन्हें ब्याज में 3 प्रतिशत की अतिरिक्त सब्सिडी दी जाती है।

इस प्रकार किसानों को मात्र 4 प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध हो जाता है।

वहीं मध्य प्रदेश सरकार राज्य में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों से लिए गए ऋण पर 01 प्रतिशत सामान्य और समय पर भुगतान करने पर 04 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज अनुदान सहायता दे रही है।

जिससे किसानों को इस पर कोई ब्याज नहीं देना होता है।

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