मछुआरों और मछली पालक किसानों को सहायता उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड योजना, फिशरीज एंड एक्वाकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड योजना (AIDF) और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) चलाई जा रही है।
देश में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसमें मछली पालक किसान अधिक से अधिक पूंजी निवेश कर ज्यादा लाभ कमा सकें इसके लिए सरकार द्वारा किसानों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से ऋण भी उपलब्ध कराया जाता है।
इसमें किसान क्रेडिट कार्ड योजना, फिशरीज एंड एक्वाकल्चर फंड, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना आदि शामिल है।
25 मार्च के दिन पशुपालन राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने लोकसभा में मछली पालकों को ऋण उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी एक लिखित उत्तर में दी।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना
पशुपालन राज्य मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2018-19 में सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा को मछुआरों और मत्स्य किसानों के लिए शुरू किया गया ताकि उनकी कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
इस योजना के तहत मछली पालक किसानों और मछुआरों को 7 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर 2 लाख रुपये तक KCC ऋण मिलता है। इसे सुविधाजनक बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा वित्तीय संस्थानों को 1.5 प्रतिशत की अग्रिम ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाती है।
इसके अतिरिक जो किसान समय पर अपना ऋण चुकाते हैं, उन्हें 3 प्रतिशत प्रॉम्ट रिपेमेंट इंसेंटिव (PRI) मिलता है, जिससे ब्याज दर घटकर 4 प्रतिशत प्रति वर्ष हो जाती है।
इसके अलावा केसीसी के लिए कोलैट्रल फ्री लोन लिमिट भी 1 जनवरी 2025 से 1.60 लाख रुपये से बढ़कर 2 लाख रुपए कर दी गई है।
इसके अतिरिक्त केंद्रीय बजट 2025-26 में भारत सरकार ने संशोधित ब्याज अनुदान योजना के तहत मछुआरों, किसानों, प्रसंस्करण कर्ताओं और अन्य मछली पालक हितधारकों के लिए ऋण सुलभता बढ़ाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड KCC ऋण सीमा को 5 लाख रुपये तक बढ़ा दिया है।
अब तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मछुआरों और मत्स्य पालकों को 2982.58 करोड़ रुपये की ऋण राशि के साथ 4,63,492 केसीसी कार्ड जारी किए गए हैं।
फिशरीज एंड एक्वाकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड योजना (AIDF)
इसके अलावा मत्स्य पालन विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 से 7522.48 करोड़ रुपए के कुल फण्ड के साथ फिशरीज एंड एक्वाकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (AIDF) को कार्यान्वित किया जा रहा है।
AIDF अन्य बातों के साथ-साथ पहचान की गई फिशरीज इंफ्रास्ट्रक्चर फैसिलिटी के विकास के लिए राज्य सरकारों, संघ शासित प्रदेशों, राज्य संस्थाओं और अन्य हितधारकों सहित पात्र संस्थाओं एलिजिबल एंटिटीज को विभिन्न फिशरीज इंफ्रास्ट्रक्चर फैसिलिटी के विकास के लिए रियायती वित्त प्रदान करता है।
मत्स्य पालन विभाग द्वारा AIDF के तहत प्रतिवर्ष 5 प्रतिशत के ब्याज दर पर लिए गए ऋण के लिए एनएलई द्वारा रियायती वित्त उपलब्ध कराने के लिए प्रति वर्ष 3 प्रतिशत तक ब्याज अनुदान (इंटरेस्ट सबवेशन) प्रदान करता है।
AIDF के तहत 3947.54 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली कुल 141 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना
मछुआरों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए मछली पालन विभाग द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) चलाई जा रही है।
जिसके तहत मछुआरों को ग्रुप एक्सीडेंट इंश्योरेंस कवरेज प्रदान किया जा रहा है, जिसमें पूरी बीमा प्रीमियम राशि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा वहन की जाती है, लाभार्थी को कोई अंशदान नहीं देना होता है। प्रदान किए गए बीमा कवरेज में निम्न बाते शामिल हैं।
- मृत्यु या स्थायी पूर्ण शारीरिक अक्षमता के लिए 5,00,000/- रुपये की राशि दी जाती है।
- स्थायी आंशिक शारीरिक अक्षमता के लिए 2,50,000/- रुपए की राशि दी जाती है।
- दुर्घटना की स्थिति में अस्पताल में भर्ती होने पर 25,000/- रुपए का खर्च दिया जाता है।
पशुपालन राज्य मंत्री द्वारा लोकसभा में दिए गए लिखित जवाब के अनुसार पिछले तीन वर्षों और वर्तमान वित्तीय वर्ष यानी कि 2021-22 से 2024-25 के दौरान योजना के तहत बीमा कवरेज प्रदान करने के लिए सालाना 32.82 लाख रुपये मछुआरों के साथ 131.30 लाख मछुआरों को नामांकित किया गया है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: 2595 करोड़ रुपए से, किसानों को जल्द मिलेगा मुआवजा