बांस मिशन पर फोकस
सीएम शिवराज सिंह चौहान का दावा-एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड योजना के क्रियान्वयन में पहले नंबर पर मध्य प्रदेश.
अब तक 1788 प्रोजेक्ट स्वीकृत किए गए, जो पूरे देश का 45 प्रतिशत है.
मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कृषि के क्षेत्र में बांस मिशन लागू कर खेती को लाभ का धंधा बनाया जाएगा.
इसके लिए आवश्यक तैयारी शुरू कर दी जाए. मुख्यमंत्री चौहान मंत्रालय से एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड की समीक्षा कर रहे थे.
बैठक में किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सहित कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.
मुख्यमंत्री ने विभाग के अधिकारियों से बांस मिशन के लिए कार्य-योजना बनाने और इसे लागू करने के निर्देश दिए.
उन्होंने कहा कि किसानों को बांस की खेती के लिए प्रेरित करें.
प्रदेश में व्यवस्थित ढंग से बांस मिशन को आगे बढ़ाया जाए. एक सप्ताह में कार्य-योजना बनाकर टास्क फोर्स का गठन कर लिया जाए.
बांस की खेती को बढ़ावा देने की योजना
बता दें कि केंद्र सरकार बांस की खेती करने पर किसानों को प्रति पौधा 120 रुपये की प्रोत्साहन राशि दे रही है.
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी खेती किसानों का रिस्क कम करती है. क्योंकि किसान बांस के बीच वो दूसरी फसलों की खेती भी कर सकते हैं.
पहले बांस काटने पर फॉरेस्ट एक्ट लगता था, लेकिन अब इसकी गिनती पेड़ों में नहीं की जाती, बल्कि यह घास की श्रेणी में आ गया है.
इसलिए इसकी कटाई पर रोक नहीं है. इस पहल से बांस की खेती को बढ़ावा मिला है. बांस की 136 प्रजातियां हैं.
एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड में पहले स्थान पर एमपी
चौहान ने कहा कि देश में क्रियान्वित की जा रही एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड योजना के क्रियान्वयन में मध्य प्रदेश प्रथम स्थान पर है.
इस योजना में अभी तक 1788 प्रोजेक्ट स्वीकृत कर दिए गए हैं, जो पूरे देश का 45 प्रतिशत है.
मुख्यमंत्री चौहान ने योजना के प्रोजेक्ट शीघ्र पूरा कर शुरुआत करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि लाभार्थी अपने अनुभव साझा करेंगे तो अन्य लोगों को भी इसका फायदा होगा.
पराली न जलाने को प्रेरित करें
चौहान ने प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के निर्देश दिए.
उन्होंने कहा कि किसानों को पराली जलाने के नुकसान के बारे में समझाएं ताकि वो पराली न जलाएं.
चौहान ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जैविक खेती के विशेषज्ञों के माध्यम से इस दिशा में आगे बढ़ें. इसके लिए भी टास्क फोर्स बनाने के निर्देश दिए.
फसलों का विविधीकरण जरूरी
चौहान ने फसलों के विविधीकरण एवं निर्यात के लिए ठोस प्रयास करने के निर्देश दिए.
उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में मध्य प्रदेश की पूरे देश में प्रतिष्ठा है, जिसे बनाए रखने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जाएं.
देश में विशिष्ट पहचान बनाने के लिए फसलों का विविधीकरण बहुत आवश्यक है.
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