उत्तर प्रदेश पिछड़ा
रबी मार्केटिंग सीजन 2021-22 शुरू होने के पांच दिन बाद भी यूपी में सिर्फ 0.01 लाख मिट्रिक टन गेहूं की खरीद हो सकी है. जबकि यह उत्पादन में नंबर वन है.
बिहार और पंजाब को छोड़कर अन्य राज्यों में गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है. लेकिन यह काम काफी सुस्त है. अब तक की रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश इस मामले में सबसे आगे है.
जबकि दूसरे नंबर पर हरियाणा है. उत्पादन में नंबर वन यूपी किसानों से खरीद के मामले में अभी काफी पीछे है.
भारतीय खाद्य निगम (FCI) के मुताबिक 5 अप्रैल तक सिर्फ 2.69 लाख मिट्रिक टन ही गेहूं की खरीद हो सकी है. इसमें से अकेले मध्य प्रदेश की हिस्सेदारी 2.22 लाख मिट्रिक टन है.
मध्य प्रदेश ने रबी मार्केटिंग सीजन 2020-21 में सबसे अधिक गेहूं की खरीद की थी. इसने 129.42 मिट्रिक टन गेहूं खरीदकर पंजाब को पीछे छोड़ दिया था.
तब यहां के सबसे अधिक 15,94,383 किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का फायदा मिला था.
यह भी पढ़े : किसानों के खाते में इस तारीख तक आएगी 2000 रुपये की आठवीं किस्त
एमपी में सबसे अधिक गेहूं खरीद का टारगेट
रबी मार्केटिंग सीजन 2021-22 में इसने देश में सबसे ज्यादा 135 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का टारगेट सेट किया है. इसके लिए 4,529 खरीद केंद्र बनाए गए हैं.
अपने लक्ष्य के हिसाब से ही यहां पर खरीद एजेंसियां रफ्तार से काम भी कर रही हैं. मध्य प्रदेश में इस बार करीब 20 लाख किसानों (Farmers) को गेहूं की बिक्री पर एमएसपी मिलने की संभावना है.
एफसीआई के मुताबिक 5 अप्रैल तक हरियाणा में 0.28 लाख मिट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है. जबकि राजस्थान में 0.13, यूपी में 0.01 एवं गुजरात में 0.05 लाख मिट्रिक टन की खरीद हुई है.
हालांकि, यूपी ने इस बार 55 लाख मीट्रिक टन खरीद का टारगेट रखा है. बाकी राज्यों में कोई खरीद नहीं हुई है.
गेहूं खरीद के मामले में दूसरे नंबर पर रहने वाले पंजाब में 10 अप्रैल से यह प्रक्रिया शुरू होगी. जबकि बिहार (Bihar) में 20 अप्रैल से खरीद शुरू होगी.
पंजाब में विवाद, हरियाणा में आढ़तिया नाराज
खरीद के तौर-तरीकों पर पंजाब और केंद्र सरकार में अब तक सहमति नहीं बन सकी है.
केंद्र चाहता है कि किसान अपने बोए गए गेहूं का ब्यौरा (क्षेत्र) ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध करवाएं. उसके आधार पर खरीद हो.
साथ ही आढ़तियों की बजाय सीधे किसानों के बैंक अकाउंट में भुगतान हो.
उधर, हरियाणा में सरकार ने फसल बुवाई के ब्यौरे के आधार पर ही किसानों से गेहूं की खरीद शुरू की है.
यही नहीं उसने किसानों के बैंक अकाउंट में सौ फीसदी ऑनलाइन भुगतान का एलान कर दिया है. इससे आढ़तिया नाराज हो गए हैं.
यहां मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के बिना गेहूं, सरसों,चना और जौ कुछ नहीं खरीदा जाएगा.
यह भी पढ़े : किसानों के लिए बड़े काम की है ये योजना
शेयर करे