PM फसल बीमा योजना में बड़ा सुधार

PM फसल बीमा योजना में बड़ा सुधार ! अब सैटेलाइट से  नुकसान का सही आकलन

किसानों को समय पर और पारदर्शी बीमा दावों का लाभ दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने उपग्रह तकनीक आधारित फसल नुकसान आकलन प्रणाली को अपनाया है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने महालनोबिस राष्ट्रीय फसल पूर्वानुमान केंद्र (एमएनसीएफसी) के माध्यम से रिमोट सेंसिंग डेटा और अन्य तकनीकों के उपयोग पर एक पायलट अध्ययन किया था, जिसके बाद खरीफ 2023 से धान और गेहूं की फसलों के लिए ‘यस-टेक’ (टेक्नोलॉजी-बेस्ड यील्ड एस्टीमेशन सिस्टम) लागू किया गया।

कैसे होगी फसल नुकसान की गणना?

अब तक फसल नुकसान के आकलन के लिए परंपरागत फसल कटाई प्रयोग (सीसीई) किए जाते थे, लेकिन इसमें समय ज्यादा लगता था और कई बार पारदर्शिता को लेकर सवाल उठते थे। नए मॉडल में सीसीई के साथ-साथ तकनीक-आधारित उपज आकलन को भी अपनाया गया है। इसके तहत 30% भारांश ‘यस-टेक’ आधारित उपज आकलन को दिया जाएगा, जिससे गणना ज्यादा सटीक और तेज होगी।

रिपोर्ट के मुताबिक, खरीफ 2023 में सभी राज्यों ने यस-टेक का उपयोग कर फसल बीमा दावों की गणना की और अब तक किसी भी हितधारक से कोई विवाद सामने नहीं आया है। इस प्रणाली को पारदर्शी और प्रभावी बताया गया है, जिससे किसानों को समय पर मुआवजा मिलने की संभावना बढ़ गई है।

क्या कवर करेगा बीमाक्या नहीं?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत किसानों को बुवाई से लेकर फसल कटाई तक प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा मिलती है। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में ही व्यक्तिगत खेतों के आधार पर नुकसान का आकलन किया जाता है, जैसे:

  • फसल कटाई के बाद नुकसान – ओलावृष्टि, चक्रवात, बेमौसम बारिश जैसी घटनाओं से होने वाले नुकसान का व्यक्तिगत स्तर पर आकलन होगा।
  • स्थानीय आपदाओं से नुकसान – भूस्खलन, बाढ़, प्राकृतिक आग जैसी घटनाओं को योजना के तहत कवर किया गया है।
  • क्या कवर नहीं होगा? – एजेंसियों द्वारा खरीद न किए जाने या खरीद में देरी से फसल को हुआ नुकसान बीमा योजना में शामिल नहीं होगा।

फसल बीमा योजना में होंगे और बदलाव?

सरकार का कहना है कि फसल बीमा योजनाओं की समीक्षा और संशोधन एक सतत प्रक्रिया है। हितधारकों के सुझावों और अनुभवों के आधार पर सरकार समय-समय पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार कर रही है, जिससे किसानों को तेजी से दावों का भुगतान मिल सके और पारदर्शिता बनी रहे।

कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने लोकसभा में जानकारी दी कि सरकार ने पीएमएफबीवाई के परिचालन दिशा-निर्देशों में समय-समय पर व्यापक संशोधन किए हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसानों को उनके दावे समय पर और पारदर्शी तरीके से मिलें।

 

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