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मालाबार नीम की खेती किसानों को कर देगी मालामाल

होगा लाखों का मुनाफा

 

भारत में बदलते दौर के साथ कृषि का रूप भी बदलता जा रहा है.

पारंपरिक फसलों के बजाय अब किसान खेती के उन्नत तरीकों को अपना रहे हैं.

फसल के साथ-साथ अपने खेतों में पेड़ भी लगा रहे हैं.

फसलों के साथ पेड़ लगाने वालों किसानों को अच्छा मुनाफा भी मिल रहा है.

ऐसे में आपको मालाबार नीम के पेड़ के बारे में बता रहे हैं जिसकी खेती मुनाफेमंद है.

 

भारत में बदलते दौर के साथ कृषि का रूप भी बदलता जा रहा है.

पारंपरिक फसलों के बजाय अब किसान खेती के उन्नत तरीकों को अपना रहे हैं. फसल के साथ-साथ अपने खेतों में पेड़ भी लगा रहे हैं.

फसलों के साथ पेड़ लगाने वालों किसानों को अच्छा मुनाफा भी मिल रहा है.

ऐसे में हम आपको मालाबार नीम के पेड़ के बारे में बता रहे हैं जिसकी खेती मुनाफेमंद है, इसकी लकड़ी का उपयोग पैकिंग के लिए, छत के तख्तों, भवन निर्माण के उद्देश्यों, कृषि उपकरणों, पेंसिल, माचिस की डिबियां, संगीत वाद्ययंत्र, चाय की पेटियों व हर तरह के फर्नीचर बनाने में होता है.

इससे तैयार फर्नीचर में कभी भी दीमक नहीं लगता.

इसकी लकड़ी से जीवनभर के लिए टेबल-कुर्सी, अलमारी, चौकी, पलंग, सोफा व अन्य सामान बनवाए जा सकते हैं इसलिए इसकी डिमांड भी ज्यादा है आइये जानते हैं खेती का तरीका

 

खेती कैसे करें

बुवाई के लिए मार्च और अप्रैल का महीना सबसे उपयुक्त माना जाता है. नर्सरी में भी इसके पौधे तैयार कर खेती कर सकते हैं.

4 एकड़ के क्षेत्र में 5 हजार पौधे लगाए जा सकते हैं.

जिसमें 2 हजार पेड़ खेत के बाहर वाली मेड़ पर और 3 हजार पेड़ खेत की अंदर मेड़ पर लगाए जा सकते हैं.

एक मालाबार नीम का पौधा पांच साल बाद 2 से 4 हजार रुपये की आय किसान को दे सकता है.

मालाबार नीम का पेड़ तीन साल बाद कागज और माचिस की तिलियां बनाने में उपयोग योग्य हो जाता है.

पांच साल बाद प्लाइवुड और आठ साल बाद फर्नीचर उद्योग में इस्तेमाल करने योग्य हो जाता है.

 

उपयुक्त मिट्टी

जैविक तत्वों से भरपूर उपजाऊ रेतीली दोमट मिट्टी मालाबार नीम की खेती के लिए सबसे अच्छी होती है.

जबकि बजरी मिश्रित उथली मिट्टी में इसकी वृद्धि खराब विकास दर को दर्शाती है.

इसी तरह, लैटराइट लाल मिट्टी भी मालाबार नीम की खेती के लिए बहुत अच्छी है.

अगर आप बीज से खेती कर रहे हैं तो मार्च-अप्रैल के दौरान बीज बोना सबसे अच्छा है. 

पौधों को खेत में रोपाने का तरीका

मालाबार नीम के पौधे रोपाई के लिए खेत में 8 बाई 8 मीटर की दूरी रखते हुए लगभग दो फीट चौड़ाई और डेढ़ फीट गहराई के गड्ढों में पंक्तियों में तैयार करें.

उसके बाद इन गड्ढों में उचित मात्रा में जैविक और रासायनिक उर्वरकों को मिट्टी में मिलाकर गड्ढों में भरें.

इन गड्ढों को पौध रोपाई के एक महीने पहले तैयार कर लें. इसके अलावा इन्हे 5 बाई 5 मीटर की दूरी पर भी लगा सकते है.

 

नर्सरी में कैसे लगाएं मालाबार नीम

नर्सरी में पौधे तैयार कर खेती की जा सकती है. मालाबार का बीज नर्सरी में मार्च और अप्रैल के दौरान बोना सबसे अच्छा है.

साफ और सूखे बीजों को खुली नर्सरी बेड में 5 सेंटीमीटर की दूरी पर ड्रिल की गई लाइनों में बोना चाहिए.

रेत में बीज अंकुरित नहीं होते हैं इसलिए उन्हें मिट्टी और थ्ल्ड खाद के 2: 1 के अनुपात में या फिर 1: 1 अनुपात में मिलाकर लगाया जा सकता है.

 

सिंचाई

मालाबार नीम के पौधे का विकास तेजी से हो इसके लिए पानी की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए.

शुरू में मालाबार नीम के खेत में नमी बनाये रखने के लिए पानी देते रहना होता है, और तीन महीने में एक बार खेत में उवर्रक जरूर दें.

अब आपको मालाबार के पेड़ साल में अच्छा उत्पादना देंगे, जिसे बेचकर आप लाखों की कमाई कर सकते हैं.

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