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जानिए क्या है नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना, खर्च होंगे 144 करोड़ रुपये

 

किसानों को होगा सीधा फायदा

 

झारखंड में नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना के तहत राज्य के सैकड़ों गांवों की पहाड़ियों और उसके आस-पास की भूमि पर लूज बोल्डर स्ट्रक्चर बनाए गये हैं.

इससे पानी का बहाव धीमा होता है और जल संचयन में मदद मिलती है.

योजना के तहत प्रदेश के 4000 पंचायतों में काम हो रहा है. इससे बंजर जमीन में भी हरियाली आ रही है.

 

झारखंड में कृषि को बढ़ाना देने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं.

झारखंड की भौगोलिक संरचना ऐसी है कि यहां पर सिंचाई करना एक बड़ी समस्या है इसलिए यहां के अधिकांश किसान सिर्फ बारिश के मौसम मे ही खेती कर पाते हैं, इसके बाद पूरे साल हजारों हेक्टेयर जमीन खाली रह जाती है.

यहां पर उपरी खेती अधिक हैं, इसलिए सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करा पाना एख बड़ी समस्या है.

यहां हर साल अच्छी बारिश होती है इसके बाद भी पानी की कमी हो जाती है. कयोंकि यहां से मिट्टी बहकर सीधे नदीयों में चली जती है. 

इससे किसानों को नुकसान होता है. किसानों को पूरे साल सिंचाई की सुविधा देने के लिए और यहां के जलस्तर को ठीक करने के लिए झारखंड में नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना शुरू  शुरू की गयी है.

 

खर्च किये जाएंगे 144 करोड़ रुपए

यह योजना ग्रामीण विकास विभाग द्वारा शुरू की गयी है. द हिंदू के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि योजना के तहत 144 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे.

इसके जरिये झारखंड सरकार जल संचयन की उपलब्धता बढ़ाने और जलाशयों के जीर्णोद्धार कार्य जैसी सिंचाई सुविधाओं को बढ़ाने के कार्य करेगी.

इस पहल के पूरा होने के बाद राज्य में सिंचित क्षेत्र मौजूदा 2,207 हेक्टेयर से बढ़कर 13,365 हेक्टेयर हो जाएगा.

अधिकारी ने कहा कि राज्य में जल संचयन और सिंचाई की उपलब्धता बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है.

सिंचाई विभाग ने 143.68 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 192 तालाबों, बांधों और अन्य जलाशयों के जीर्णोद्धार कार्य को मंजूरी दी है.

सिंचाई योजनाओं से संबंधित सभी तालाबों, बांधों और जलाशयों की शत-प्रतिशत क्षमता का उपयोग करने के लिए जीर्णोद्धार कार्य शुरू कर दिया गया है.

 

4000 पंचायतों में हो रहा है काम

झारखंड में नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना के तहत राज्य के सैकड़ों गांवों की पहाड़ियों और उसके आस-पास की भूमि पर लूज बोल्डर स्ट्रक्चर बनाए गये हैं इससे पानी का बहाव धीमा होता है और जल संचयन में मदद मिलती है.

योजना के तहत प्रदेश के 4000 पंचायतों में काम हो रहा है. इससे बंजर जमीन में भी हरियाली आ रही है.

योजना के तहत राज्य में 3 लाख 32 हजार 963 काम पूरा करने लक्ष्य निर्धारित किया गया था.

इनमें1 लाख 97 हजार 228 कामों को पूरा कर लिया गया है, बाकी 1 लाख 35 हजार 735 पर काम जारी है.

 

कृषि क्षेत्र को मिलेगी मदद

इस योजना से राज्य के ऐसे जिलों को लाभ मिलेगा, जहां सूखे के कारण पलामू, गढ़वा एवं लातेहार जैसी बारहमासी पानी की समस्याओं का सामना लोगों को करना पड़ता हैं.

इस योजना को शुरू कर राज्य सरकार ने दूसरे राज्य से आने वाले 5 – 6 लाख प्रवासी श्रमिकों के साथ ही कई सारे अन्य श्रमिकों के लिए अगले 5 साल के लिए रोजगार सुनिश्चित करने का लक्ष्य तय किया हैं .

इस योजना के माध्यम से सरकार ने लगभग 5 एकड़ खेती के लिए योग्य भूमि की सिंचाई करने का भी फैसला किया हैं .

इस योजना के माध्यम से खेत का पानी खेत में रोका जा सकेगा, जिससे विभिन्न माध्यमों से खेती करने वाले किसानों को भी लाभ मिलेगा.

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