सचिव सहकारिता विवेक पोरवाल ने समयावधि बढ़ाने संबंधी आदेश जारी कर बताया है कि उपार्जन में फसल विक्रय पर किसानों को तकनीकी आदि कारणों से राशि मिलने में होने वाले विलंब को ध्यान में रख यह निर्णय लिया गया है।
मध्य प्रदेश के किसानों के लिए राहत भरी खबर है।
उपार्जन समयावधि में फसल बेचने वाले किसान अब खरीफ ऋण 31 मई तक जमा कर सकेंगे।
पहले यह तिथि 30 अप्रैल 2023 थी। इस संबंध में सहकारिता विभाग मप्र शासन ने आदेश जारी कर दिए है।
आदेश जारी
दरअसल, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के शून्य प्रतिशत ब्याज दर योजना में खरीफ-2022 सीजन के अल्पकालीन ऋण को जमा करने की तिथि 31 मई तक बढ़ा दी गई है।
यह रियायत उपार्जन की समयावधि में फसल विक्रय करने वाले किसानों को मिलेगी। पूर्व में यह तिथि 30 अप्रैल 2023 थी।
सचिव सहकारिता विवेक पोरवाल ने समयावधि बढ़ाने संबंधी आदेश जारी कर बताया है कि उपार्जन में फसल विक्रय पर किसानों को तकनीकी आदि कारणों से राशि मिलने में होने वाले विलंब को ध्यान में रख यह निर्णय लिया गया है।
31 मई तक करा सकते है मूंग के लिए पंजीयन
इसके अलावा राज्य सरकार ने ग्रीष्मकालीन मूंग के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी के पंजीयन की तारीख को 31 मई तक बढ़ाने का फैसला लिया है।
विपणन वर्ष 2023-24 में ग्रीष्मकालीन मूंग की खरीदी के लिए पंजीयन प्रक्रिया 08 मई से शुरू हो चुकी है।
बता दे कि राज्य सरकार ने मूंग का समर्थन मूल्य 7755 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है।
इस भाव में किसान अपनी फसल बेच सकेंगे। प्रदेश के 32 जिलों में मूंग की खरीदी की जाएगी।
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