किसान चौपाल
मध्य प्रदेश में पांच हजार स्थानों पर लगेगी चौपाल, कृषि विभाग और बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि बताएंगे बीमा कराने के फायदे।
किसानों को प्राकृतिक आपदा की स्थिति में फसलों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा अधिक से अधिक कराया जाएगा।
इसके लिए सरकार पहली बार मध्य प्रदेश में किसान चौपाल लगाने जा रही है। पांच हजार जगहों पर यह चौपाल लगेगी।
इसमें कृषि और फसल बीमा करने वाले कंपनियों के प्रतिनिधि किसानों को फसल बीमा कराने के फायदे बताएंगे।
इस दौरान वे किसान अपने अनुभव भी साझा करेंगे, जिन्हें फसल बीमा का लाभ मिला है।
मध्य प्रदेश में रबी फसलों का बीमा 31 दिसंबर तक होना है। सहकारी बैंकों से अल्पावधि ऋण वाले किसानों का प्रीमियम काटकर बैंक बीमा करा लेते हैं लेकिन अऋणी किसानों की इसमें रुचि कम रहती है।
पिछले साल जब खरीफ फसलें अतिवर्षा से प्रभावित हुई थीं, तब सरकार ने केंद्र सरकार की विशेष अनुमति से अभियान चलाकर फसल बीमा कराया था।
चौपाल लगाई जाएंगी
किसानों से प्रीमियम जमा कराने के लिए रविवार को भी बैंकों की शाखाएं खुलवाई गई थीं।
इसका फायदा यह हुआ था कि बीमा कराने वाले किसानों की संख्या 40 लाख तक पहुंच गई थी।
इसे देखते हुए अब कृषि विभाग ने तय किया है कि किसानों को फसल बीमा कराने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए गांवों में चौपाल लगाई जाएंगी।
इसके लिए प्रचार रथ भी गांव-गांव भेजे जा रहे हैं।
खरीफ फसलों का मिलेगा पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक बीमा
कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पिछले खरीफ सीजन में अतिवर्षा से प्रभावित फसलों का बीमा किसानों को जल्द मिलेगा। इसके लिए प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
संभावना जताई जा रही है कि पांच हजार करोड़ रुपये तक बीमा किसानों को मिल सकता है।
इसके पहले खरीफ 2018 में नौ लाख 51 हजार किसानों को एक हजार 987 करोड़, रबी 2018-19 में दस लाख 42 हजार किसानों को एक हजार 372 करोड़, खरीफ 2019 में 24 लाख 49 हजार किसानों को पांच हजार 799 करोड़ और रबी 2019-20 में 96 हजार 824 किसानों को 53.62 करोड़ रुपये का फसल बीमा मिल चुका है।
खरीफ सीजन 2019 में केंद्र सरकार के पोर्टल में प्रविष्टि नहीं हो पाने के कारण दो लाख 64 हजार किसानों को बीमा नहीं मिल पाया था।
इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से विशेष अनुरोध करके पोर्टल खुलवाकर प्रविष्टि कराई है।
इससे किसानों को 384 करोड़ रुपये का फसल बीमा मिलेगा।
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