घर पर सोलर पैनल लगाने पर सब्सिडी
देश में अक्षय उर्जा को बढ़ावा देने एवं लोगों को उर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए देश भर में केंद्र सरकार के द्वारा सौर संयंत्रों की स्थापना के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है|
योजना के तहत लाभार्थी को घर की छत पर सोलर संयंत्र लगाने के लिए सब्सिडी दी जाती है|
इन संयंत्रों की स्थापना से उपभोक्ताओं को न केवल सस्ती बिजली प्राप्त होती है बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी यह संयंत्र अहम भूमिका निभाते है।
सोलर संयंत्र स्थापित करने में जहाँ 4 वर्ष में लागत निकल जाती है वहीँ इसकी आयु भी लगभग 25 वर्ष होती है|
केन्द्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर. के. सिंह ने 19 जनवरी, 2022 को रूफ टॉप (घर की छत पर सौर संयंत्र) योजना की प्रगति की समीक्षा की।
इसके बाद मंत्री ने रूफ टॉप योजना को सरल बनाने के निर्देश दिए, जिससे इस तक लोगों की पहुंच आसान हो सके।
इस तरह लगवा सकेंगे सोलर पैनल
उर्जा मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि अब से लाभार्थी को किसी भी सूचीबद्ध विक्रेता से ही रूफ टॉप लगवाना जरूरी नहीं होगा।
इसकी जगह वे खुद भी रूफ टॉप लगा सकते हैं या अपनी पसंद के किसी भी विक्रेता से इसे लगवा सकते हैं।
साथ ही, लगाई गई प्रणाली की एक फोटो के साथ वितरण कंपनी को इस बारे में सूचित किया जाए।
डिस्कॉम (विद्युत वितरण कंपनी) को रूफ टॉप को लगाए जाने की सूचना सामग्री के रूप में पत्र/आवेदन के जरिए या निर्दिष्ट वेबसाइट पर दी जा सकती है।
जिसे हर एक डिस्कॉम और भारत सरकार ने रूफ टॉप योजना के लिए शुरू किया है।
सौर पैनल और इन्वर्टर की गुणवत्ता निर्धारित मानक के अनुसार है, यह सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार समय-समय पर वैसे सोलर पैनल और इन्वर्टर निर्माताओं की सूची प्रकाशित करेगी, जिनके उत्पाद अपेक्षित गुणवत्ता मानकों और उनकी मूल्य सूची के अनुरूप हैं।
वहीं, लाभार्थी अपनी पसंद के सोलर पैनल और इन्वर्टर का चयन कर सकते हैं।
30 दिनों के अंदर दी जाएगी सौर संयंत्र पर सब्सिडी
वितरण कंपनी (डिस्कॉम) यह सुनिश्चित करेगी कि सूचना मिलने के 15 दिनों के भीतर नेट मीटरिंग उपलब्ध करा दी जाए।
भारत सरकार 3 किलोवाट क्षमता तक की रूफ टॉप के लिए 40 फीसदी और 10 किलोवाट तक के लिए 20 फीसदी सब्सिडी प्रदान करती है।
सौर संयंत्र लगाए जाने के 30 दिनों के भीतर डिस्कॉम यह सब्सिडी लाभार्थी के खाते में जमा करेगी।
घरेलू सोलर पैनल योजना के तहत दी जाने वाली सब्सिडी
भारत-सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा प्रदेश के घरेलू उपभेक्ताओं द्वारा स्थापित 3 किलोवाट क्षमता तक के संयंत्रों पर 40 प्रतिशत अनुदान तथा 3 किलोवॉट से 10 किलोवाट क्षमता तक 20 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराती है।
इन सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना से प्रति किलोवॉट प्रति दिवस लगभग 4 यूनिट विद्युत का उत्पादन होता है।
तथा उपभोक्ता द्वारा व्यय की गई समस्त राशि लगभग 4 वर्ष में वसूल हो जाती है तथा संयंत्र की आयु लगभग 25 वर्ष होती है।
इन संयंत्रों की स्थापना के उपरांत 5 वर्ष तक रख-रखाव की जिम्मेदारी भी निगम के अनुमोदित वेंडर्स की होती है।
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