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अब इन किसानों का किया जायेगा ब्याज सहित कर्ज माफ

 

किसान ऋण मुक्ति विधेयक

 

देश में किसानों की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते उन्हें खेती-किसानी एवं अन्य कार्यों के लिए लोन लेना पड़ता है | जागरूकता की कमी एवं आसानी से लोन न मिल पाने के चलते कई किसान बैंक से लोन नहीं ले पाते हैं, ऐसे में किसान साहूकारों से अधिक ब्याज दरों पर लोन लेते हैं |

 

ऋण न चूका पाने पर उन्हें साहूकारों के द्वारा प्रताड़ित किया जाता है साथ ही अधिक ब्याज भी लगाया जाता है | ऐसे में मध्यप्रदेश सरकार ने ऐसे किसानों को कर्ज मुक्त करने के लिए लिए “मध्य प्रदेश ग्रामीण ऋण मुक्ति विधेयक-2020“ लाने जा रही है |

 

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ‘मध्य प्रदेश ग्रामीण ऋण मुक्ति विधेयक-2020’ ऐसे सूदखोर साहूकारों के चंगुल से जनता को मुक्त करेगा, जो बिना वैध लाइसेंस के मनमानी दरों पर ऋण देते और वसूलते हैं। ऐसे भूमिहीन कृषि श्रमिकों, सीमान्त किसानों तथा छोटे किसानों को 15 अगस्त 2020 तक लिए गए सभी ऋण शून्य किए जाएंगे |

 

क्या है ग्रामीण ऋण मुक्ति विधेयक-2020

राज्य के मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश ग्रामीण (सीमान्त व छोटे किसान तथा भूमिहीन कृषि श्रमिक ) ऋण विमुक्ति विधेयक 2020 के संबंध में संविधान के अनुच्छेद 304(बी) के परन्तुक के अनुसरण में विधेयक को विधान सभा में पुर: स्थापित करने के पहले राष्ट्रपति की अनुमति प्राप्त एवं विधान सभा से पारित कराने की सभी कार्यवाही के लिए राजस्व विभाग को अधिकृत किया ।  

 

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ग्रामीण क्षेत्रों के भूमिहीन कृषि श्रमिकों, सीमान्त किसानों तथा छोटे किसानों (राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में निवासरत मध्यप्रदेश की अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों को छोड़कर) को, नियमों व प्रक्रिया के विरूद्व तथा अत्यन्त ऊँची ब्याज दरों पर दिये गये ऋण की समस्या का निरंतर सामना करना पड़ रहा है। इसका परिणाम ऐसे व्यक्तियों की वित्तीय हानि, मानसिक प्रताड़ना तथा शोषण के रूप में निकलता है।

 

ऐसे भूमिहीन कृषि श्रमिकों, सीमान्त किसानों तथा छोटे किसानों को 15 अगस्त 2020 तक उन्हें दिए गए कतिपय ऋणों, जिनमें ब्याज की राशि शामिल है, के उन्मोचन द्वारा राहत देने के लिए मध्यप्रदेश ग्रामीण (सीमान्त व छोटे किसान तथा भूमिहीन कृषि श्रमिक) ऋण विमुक्ति विधेयक,2020 प्रस्तावित किया गया है।

 

 

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