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आ गया मटर लगाने का मौसम

 

मटर की खेती

 

भूमि का चुनाव

मटर की खेती सभी प्रकार की भूमियों में की जा सकती है परंतु अधिक उत्पादन हेतु दोमट और बलुई भूमि जिसका पीएच मान 6-7.5 हो तो अधिक उपयुक्त होती है।

भूमि की तैयारी

खरीफ फसल की कटाई के पश्चात एक गहरी जुताई कर पाटा चलाकर उसके बाद दो जुताई कल्टीवेटर या रोटावेटर से कर खेत को समतल और भुरभुरा तैयार कर लें।

दीमक, तना मक्खी एवं लीफ माइनर की समस्या होने पर अंतिम जुताई के समय फोरेट 10जी 10-12 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर खेत में मिलाकर बुवाई करें ।

 

बीज की मात्रा

ऊंचाई वाली किस्म 70-80 कि.ग्रा./हे.

बौनी किस्म 100 कि.ग्रा./हे.

 

बोनी का उपयुक्त समय

15 अक्टूबर से 15 नवम्बर

 

कतार से कतार एवं पौधों से पौधों की दूरी

ऊंचाई वाली किस्म 30&10 से.मी.

बौनी किस्म 22.5&10 से.मी.

 

बोने की गहराई

4 से 5 से.मी.

 

बुआई का तरीका

बुवाई कतार में नारी हल, सीडड्रिल, सीडकम फर्टीड्रिल से करें।

 

बीजोपचार

बीज जनित रोगों से बचाव हेतु फफूंदनाशक दवा थायरम+कार्बेन्डाजिम (2$1) 3 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज और रस चूसक कीटों से बचाव हेतु थायोमिथाक्साम 3 ग्राम प्रति किलो ग्राम बीज दर से उपचार करें।

उसके बाद वायुमण्डलीय नत्रजन के स्थिरीकरण के लिये राइजोबियम लेग्यूमीनोसोरम और भूमि में अघुलनशील फास्फोरस को घुलनशील अवस्था में परिवर्तन करने हेतु पीएसबी कल्चर 5-10 ग्रा./कि.ग्रा. बीज की दर से उपचार करें।

जैव उर्वरकों को 50 ग्राम गुड़ को आधा लीटर पानी में गुनगुना कर ठंडा कर मिलाकर बीज उपचारित करें।

 

उर्वरक की मात्रा

उर्वरक की मात्रा कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर
किस्म के लक्षण नत्रजन फास्फोरस पोटाश सल्फर
ऊंचाई वाली किस्म 20 40 40 20
बौनी किस्म 20 50 50 20

 

फसल में अनुशंसित उर्वरक की मात्रा मिट्टी परीक्षण के आधार पर बुवाई के समय प्रयोग करें।

 

सूक्ष्म तत्वों की उपयोगिता, मात्रा एवं प्रयोग का तरीका

मटर फसल में सूक्ष्म पोषक तत्व अमोनियम हेप्टामोलिब्डेट 1 ग्राम/कि.ग्रा. बीज की दर से बीज उपचार कर बुवाई करें।

 

सिंचाई

स्प्रिकंलर से शाखा बनते समय और फूल आने से पूर्व हल्की सिंचाई करें।

 

नींदा प्रबंधन

फसल में नींदा की समस्या होने पर व्हील हो या हेण्ड हो द्वारा निंदाई करें जिससे फसल की जड़ क्षेत्र में वायु संचार बढ़ जाता है और खरपतवार नियंत्रित होने से पौधे में शाखाएं और उत्पादन में वृद्धि होती है।

 

रसायनिक नींदानाशक

दवा दवा की व्यापारिक मात्रा/हे. उपयोग का समय उपयोग करने की विधि

पेण्डीमिथालीन 3 लीटर/हे. बुवाई से 1 से 3 दिन के अंदर छिडक़ाव या फिर 500 ली. पानी/हे. की दर से घोल बनाकर छिडक़ाव करें।

मेट्रीब्यूजिन 250 ग्रा/हे. बुवाई के 15-20 दिन बाद छिडक़ाव करें।

 

उपज प्राप्त करने हेतु प्रमुख पांच बिन्दु
  • बीजोपचार – थायरम + कार्बेण्डाजिम (2+1) 3 ग्राम/किग्रा बीज और थायोमिथोक्साम 3 ग्राम/किग्रा बीज की दर से उपचारित करें उसके बाद राइजोबियम एवं पीएसबी कल्चर 5-10 ग्राम/किग्रा बीज की दर से उपचारित कर तुरंत बोवाई करें।
  • फसल की उत्पादकता बढ़ाने के लिये पोटाश 60 किग्रा और सल्फर 20 किग्रा/हे. बुवाई के समय प्रयोग करें।
  • फसल में शाखा बनते समय और फूल आने के पूर्व स्प्रिंकलर से हल्की सिंचाई करें।
  • पाला से फसल को बचाने के लिये घुलनशील सल्फर 80 डब्लूपी 2ग्राम/लीटर + बोरोन1 ग्राम/लीटर का घोल बनाकर छिडक़ाव करें। (1) मटर का भभूतिया रोग निरोधक उन्नत किस्में -प्रकाश, आई.पी.एफ.डी.99-13, आई.पी.एफ.डी.1-10, जी.एम.- 6, मालवीय -13, 15, के.पी.एम.आर. 400 किस्मों का चुनाव करें ।
  • भभूतिया रोग के प्रबंधन हेतु फफूंद नाशक दवा से बीजोपचार करें और खड़ी फसल में रोग आने पर घुलनशील सल्फर 1-1.5 ग्राम प्रति ली. या मेंकोजेब 2.5 ग्राम प्रति ली. की दर से 500 ली. प्रति हे. पानी में घोल बना कर छिडकें।

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