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अनार की खेती से हर महीने 1.5 लाख रुपये कमाने का मौका

 

अगर आप अलग हटकर खेती करने की सोच रहे हैं तो आपके अच्छा मौका है.

 

देशभर में अनार की खेती से किसान लाखों कमा रहे हैं. अनार के पौधों को अगस्त या फिर फरवरी-मार्च में लगा सकते हैं. इसकी खेती के लिए यह समय उपयुक्त माना जाता है. सभी प्रकार की मिट्टी में इसकी खेती कर सकते हैं.

किसानों को डेढ़ से दो साल बाद पेड़ फल देने लगता है. ऐसे ही एक किसान की कहानी हम आपको बता रहे है. पद्मश्री गेनाभाई दरगाजी का जिक्र किया गया था. गेनाभाई अनार की खेती से लाखों रुपये कमाते हैं. खुद के अलावा कई लोगों को कृषि में रोजगार दिया है.

 

गेनाभाई की तरह इसी काम में लगे हैं सतीशभाई ईश्वरभाई पटेल जो भरूच जिले के अंकलेश्वर ब्लॉक से आते हैं. सतीशभाई दहेली गांव के रहने वाले हैं जो लगभग 4.5 हेक्टेयर जमीन पर बड़े पैमाने पर अनार की खेती करते हैं.

इनकी दो एकड़ से भी कम जमीन पर अनार की खेती से 19 लाख रुपये तक की कमाई होती है. पूरी आय लगभग 25 लाख रुपये की है लेकिन 6 लाख रुपये खर्च काटने के बाद उनका विशुद्ध मुनाफा 19 लाख रुपये का होता है.

सतीशभाई ने TV9 हिंदी को बताया कि साल 2012-13 में 1.8 एकड़ में अनार की खेती की. इसमें उन्हें 15 लाख की कमाई हुई. पूरी खेती पर 4 लाख 80 हजार का खर्च आया.

 

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इस खर्च को अलगकर सतीशभाई को 10 लाख 20 हजार रुपये की शुद्ध कमाई हुई. 2013-14 में इसी अनार की खेती में उन्हें 17 लाख 50 हजार रुपये की कमाई हुई.

इस पर खर्च आया 5 लाख 10 हजार रुपये का और विशुद्ध मुनाफा हुआ 12 लाख 40 हजार रुपये का. 2014-15 में सतीशभाई ईश्वरभाई को 1.80 एकड़ अनार की खेती से 25 लाख रुपये की कमाई हुई और इस पर 6 लाख रुपये का खर्च आया. सबकुछ काटकर सतीशभाई को अनार से 19 लाख रुपये का मुनाफा हुआ.

 

पानी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल हो सके, इसके लिए ड्रिप सिंचाई शुरू की. मॉडर्न स्प्रे पंपिंग की सहायता से पौधों पर कीटनाशक का छिड़काव किया.

कैस्टर और नीम केक का भी फर्टिलाइजर के रूप में इस्तेमाल किया. इससे उन्हें अनार की अच्छी उपज मिली. उनके अनार की वेरायटी आज 70 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है और भावनाजी को आज 30 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई होती है.

 

जानिए अनार की खेती के बारे मे

अनार की खेती कर रहे हैं तो पौधारोपण से लगभग एक महीने पहले गड्ढे खोद लें. ध्यान रहे कि ये गड्ढे लगभग 60-60 सेंटीमीटर लंबे, चौड़े और गहरे होने चाहिए.

पौधों के बीच की दूरी कम होनी चाहिए, जिससे पौधे लगाने से प्रति हेक्टेयर लगभग 190-200 क्विंटल तक फल मिल सकता है.

अनार की खेती अगर गर्मियों में कर रहे हैं तो लगभग 5 से 7 दिनों बाद सिंचाई कर देनी चाहिए. अगर सर्दियों का मौसम है तो लगभग 10 से 12 दिनों में सिंचाई करनी होगी.

अनार की खेती में पेड़ से फल तभी तोड़ना चाहिए, जब पूरे तरह पक जाएं. लगभग 120 से 130 दिनों बाद फल तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं.

 

परंपरागत खेती छोड़ अनार की खेती

तीशभाई ने TV9 हिंदी को बताया कि एटीएमए प्रोजेक्ट से जुड़ने का प्लान बनाया और ड्रिप सिंचाई के बारे में जानकारी हासिल की.

एटीएमए प्रोजेक्ट से जुड़कर उन्होंने ड्रिप सिंचाई की ट्रेनिंग ली और अनार जैसे नकदी फसलों की खेती में लग गए. इसके लिए जरूरी था कि मिट्टी की टेस्टिंग कराई जाए ताकि पता चल सके कि उसमें किस प्रकार की खेती की जा सकती है.

सतीशभाई ने लैब में मिट्टी की जांच कराई और यह पता लगाया कि मिट्टी में किन तत्वों की कमी है और किस प्रकार के खाद का उपयोग करने से उपज बढ़ेगी.

उन्होंने भगवा वेरायटी के अनार के बारे में जानकारी हासिल की. इसी के साथ उन्होंने टिश्यू कल्चर में उगाए गए अनार के पौधों से खेती शुरू की. गड्ढों में इस तरह के पौधे उगाए गए.

सिंचाई के लिए सतीशभाई ने ड्रिप सिंचाई का सहारा लिया. विशेष प्रकार के खाद का भी इस्तेमाल किया गया. पानी में घुलने वाले फर्टिलाइजर का उपयोग किया गया.

 

ग्रेडिंग और पैकेजिंग पर ध्यान

अनारों को बाजार में अच्छी कीमत मिले, इसके लिए सतीशभाई ने अनारों की ग्रेडिंग और पैकेजिंग पर खास ध्यान दिया. सतीशभाई ने वैज्ञानिक तरीके से अनार की खेती की.

इसका नतीजा यह हुआ कि कम लागत पर ज्यादा मुनाफा हुआ. उनकी इस उपलब्धि को देखते हुए 2015 में उन्हें बेस्ट एटीएमए फार्मर्स अवॉर्ड से नवाजा गया.

 

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source : tv9hindi

 

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