महोगनी के पेड़ की लकड़ियां भूरे रंग की होती है. ये लकड़ियां काफी मजबूत होती हैं.
इसलिए इनका उपयोग जहाज, फर्नीचर, प्लाईवुड, सजावट और मूर्तियां बनाने में किया जाता है.
वहीं, इनकी पत्तियों और बीजों के तेल का इस्तेमाल मच्छर भगाने वाले प्रोडक्ट्स और कीटनाशक बनाने में किया जाता है.
बिकता है हर हिस्सा
किसानों की आय.बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा तमाम तरह की योजनाएं लॉन्च की जाती रही हैं.
इसके अलावा किसानों को कम लागत में ज्यादा मुनाफा देने वाली फसलें लगाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है.
इसी कड़ी में किसानों के बीच पेड़ों की खेती करने का चलन बढ़ा है. किसान महोगनी जैसे पेड़ की खेती से बंपर मुनाफा कमा रहे हैं.
वर्षों तक खराब नहीं होते इससे बने प्रोडक्ट
महोगनी के पेड़ की लकड़ियां भूरे रंग की होती है. ये लकड़ियां काफी मजबूत होती हैं.
इनका उपयोग जहाज, फर्नीचर, प्लाईवुड, सजावट और मूर्तियां बनाने में किया जाता है.
इनकी लकड़ियों को पानी से नुकसान नहीं पहुंचता है. इसलिए इनसे बने प्रोडक्ट सालों-साल खराब नहीं होते हैं.
दवाएं बनाने में भी किया जाता है इस्तेमाल
महोगनी के पेड़ की खाल, लकड़ी और पत्तियां तक बाजार में अच्छी कीमतों पर बिकती हैं.
इसकी पत्तियों और बीजों के तेल का इस्तेमाल मच्छर भगाने वाले प्रोडक्ट्स और कीटनाशक बनाने में किया जाता है.
वहीं, तेल, साबुन, पेंट, वार्निश और कई तरह की दवाएं बनाने में इनका इस्तेमाल किया जाता है.
इस पेड़ की छाल और पत्तों का इस्तेमाल कई रोगों के खिलाफ भी करते हैं.
अच्छी जलनिकासी वाली भूमि उपयुक्त
इस पेड़ के विकास के लिए उपजाऊ मिट्टी, अच्छी जल निकासी और सामान्य पीएच ही उपयुक्त है.
ध्यान रखें कि महोगनी के पौधे को ऐसे जगह पर ना लगाए जहां हवा का बहाव तेज हो.
इन जगहों पर इसके पौधों का विकास नहीं हो पाता है. यही वजह है पहाड़ों पर इसकी खेती ना करने की सलाह दी जाती है.
बंपर है मुनाफा
महोगनी के पेड़ कटाई के लिए तकरीबन 12 साल में तैयार हो जाते हैं.
इसकी लकड़ी 2000 से 2200 रुपये प्रति क्यूबिक फीट थोक में बिकती है. वहीं, बीज की कीमत एक हजार रुपये किलो है.
इसके बीजों और फूलों का उपयोग कई तरह के औषधि बनाने के लिए किया जाता है.
ऐसे में इसकी खेती से किसान आसानी से करोड़ों का मुनाफा कमा सकते हैं.
यह भी पढ़े : PM Awas Yojana : जारी हुई पीएम आवास योजना की राशि
यह भी पढ़े : खुशखबरी : मध्य प्रदेश में चना खरीदी लिमिट बढ़ी
शेयर करें