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3898 वेयरहाउस परियोजनाओं के लिए 3576.2 करोड़ रुपये मंजूर

 

कृषि उपज के लिए अधिक भंडारण सुविधा देने की कोशिश में सरकार, 2 करोड़ रुपये के लोन पर 3 फीसदी ब्याज छूट और ऋण गारंटी भी दे रही है सरकार.

 

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि सरकार समेकित कृषि विपणन योजना की एक उप-योजना कृषि विपणन अवसंरचना का कार्यान्वयन कर रही है.

जिसके तहत कृषि उपज के लिए भंडारण क्षमता बढ़ाने हेतु विभिन्न राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों में गोदामों, भांडागारों के निर्माण एवं नवीनीकरण के लिए सहायता दी जा रही है.

 

स्कीम के तहत सरकार पात्र लाभार्थियों की श्रेणी के आधार पर परियोजना की पूंजीगत लागत पर 25 प्रतिशत और 33.33 प्रतिशत की दर से सब्सिडी मिलती है.

योजना की शुरुआत से इस साल 30 जून तक पूरे देश में एएमआई के तहत 699.3 लाख मीट्रिक टन की भंडारण क्षमता के साथ कुल 40,641 भंडारण अवसंरचना परियोजनाओं (गोदाम) को सहायता प्रदान की गई है.

उधर, एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत अब तक 3898 वेयरहाउस परियोजनाओं के लिए 3576.2 करोड़ मंजूर किए गए हैं.

 

गोदामों बनाने के लिए ब्याज में छूट की सुविधा

लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में तोमर ने कहा कि इसके अलावा खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के अंतर्गत खरीदे गए खाद्यान्नों के लिए भंडारण सुविधाओं के सृजन कार्य का निपटान करता है.

निजी उद्यमी गारंटी (पीईजी) योजना के तहत 144.19 लाख मीट्रिक टन क्षमता सृजित की गई है.

फसल होने के बाद मंडी, गोदामों और कोल्ड स्टोर बनाने के लिए एक लाख करोड़ रुपए का एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड बनाया गया है.

इसके तहत कृषि संबंधित इन निर्माणों के लिए कर्ज पर ब्याज छूट और ऋण गारंटी दी जा रही है. इससे किसानों को राहत मिलेगी.

 

2 करोड़ रुपये के लोन पर 3 फीसदी ब्याज छूट

इसके तहत सभी ऋणों (Loan) पर 2 करोड़ रुपए की सीमा सहित प्रति वर्ष 3 प्रतिशत की ब्याज छूट हैं.

यह छूट अधिकतम 7 वर्षों की अवधि के लिए उपलब्ध कराई जा रही है.

इसके अलावा 2 करोड़ रुपए तक के ऋण हेतु सूक्ष्म एवं लघु उद्योग ऋण गारंटी कोष ट्रस्ट योजना के तहत उधार लेने वाले पात्र व्यक्तियों के लिए ऋण गारंटी कवरेज उपलब्ध करवाया जा रहा है.

कृषि उपज के लिए अधिक भंडारण सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए एएमआई उप-योजना के माध्यम से पांच साल में 79.7 लाख मीट्रिक टन की भंडारण क्षमता वाली 2,956 भंडारण परियोजनाओं को सहायता दी गई है.

 

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